चंबा हिमाचल प्रदेश में रावी नदी के किनारे 996 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह एक ऐसा पर्यटन स्थल है, जो दूध और शहद की घाटी और अपनी धाराओं के लिए प्रसिद्ध है। साथ ही मंदिरों, घास के मैदानों, चित्रों और झीलों के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। चंबा 17 वीं और 19 वीं शताब्दी के बीच उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में उत्पन्न हुआ था और इसमें हस्तशिल्प और वस्त्र क्षेत्र, पाँच झीलें, पाँच वन्यजीव अभयारण्य और कई मंदिर हैं। चंबा शहर के दर्शनीय स्थलों की वजह से यहाँ सिर्फ भारत देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक आते हैं। तो आइए जानते हैं यहाँ के पर्यटन स्थलों के बारे में…
चमेरा झील-
चमेरा झील डलहौजी के पास चंबा जिले में सबसे खूबसूरत और समृद्ध प्राकृतिक झील है, जो अपने आकर्षण से पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह चमेरा बांध द्वारा निर्मित एक जलाशय है और 1700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। हिमाचल प्रदेश का यह लोकप्रिय पर्यटन स्थल यहाँ की यात्रा करने वाले सभी पर्यटकों को बेहद पसंद आता है।
लक्ष्मी नारायण मंदिर-
लक्ष्मी नारायण मंदिर चंबा के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर चंबा में सबसे पुराना और सबसे बड़ा मंदिर है। इस मंदिर को शिखर के आकार में बनाया गया है और इसमें भगवान विष्णु और शिव की छह मूर्तियाँ स्थित हैं। केंद्र में स्थित भगवान विष्णु की मूर्ति को संगमरमर से उकेरा गया है।
अखंड चंडी महल-
अखंड चंडी महल को चंबा पैलेस भी कहा जाता है। इसे 18 वीं शताब्दी के मध्य में निर्मित किया गया था, जो की सफेद रंग की इमारत है। इस शाही महल को मूल रूप से एक आवासीय भवन के रूप में राजा उम्मेद सिंह के शासनकाल के दौरान बनाया गया था। इस महल को टिश और मुगल बादशाहों द्वारा काफी बार पुनर्निर्मित और संशोधित किया गया था। इस महल में उन्होंने दरबार हॉल (जिसे मार्शल हॉल भी कहा जाता है), जेनाना महल और मुगल वास्तुकला के कई नमूने जोड़े हैं। अखंड चंडी महल में एक अलग हरे रंग की छत भी है, जो चंबा के अन्य महत्वपूर्ण स्थानों से रीगल भवन को दर्शाती है। यह पूरा भवन तीन भाग में विभाजित है। पर्यटकों द्वारा इस महल को काफी पसंद किया जाता है।
मणिमहेश झील-
मणिमहेश झील चंबा जिले के भरमौर उपखंड में 4,080 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। झील मणिमहेश कैलाश पर्वत की वर्जिन चोटी के निकट स्थित है, जिसे भगवान शिव का पवित्र निवास माना जाता है। यह स्थान ट्रेकिंग के लिए बहतु खास है क्योंकि यहाँ पर 13 किलोमीटर का ट्रेकिंग मार्ग शामिल है।