कॉन्सेप्ट फोटो (डिजाइन)
दुनिया के तमाम देशों के बीच संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। एक तरफ रूस कई सालों से यूक्रेन के साथ युद्ध लड़ रहा है। वहीं, इजराइल और तुर्की के बीच भी तनातनी बढ़ती जा रही है। इसके अलावा एशिया में पाकिस्तान और भारत के बीच स्थिति तनावपूर्ण है। दुनिया के ताकतवर देशों के बीच बढ़ते टकराव के बाद तीसरे विश्व युद्ध तय माना जा रहा है। जिसके चलते विश्व के सामने सैन्य संकट मंडराता नजर आ रहा है।
इन हालातों के बीच कई सवाल है जिनका जवाब हर कोई जानना चाहता है। जैसे कि अगर तीसरा विश्व युद्ध छिड़ गया तो क्या होगा? कौन सा देश किसके साथ होगा? कौन सा देश किसका दोस्त होगा और कौन किसका दुश्मन? कौन अमेरिकी और रूसी खेमे में होगा? तो आइए आज के हालातों के हिसाब से समझते हैं कि तीसरे विश्व युद्ध में दुनिया के देशों की क्या स्थिति होगी?
रूस और यूक्रेन युद्ध के अलावा इजराइल और हमास के बीच युद्ध में गाजा पट्टी के लोग तबाह हो चुके हैं। अक्टूबर 2023 में हमास ने इजराइल पर हमला किया, जिसके जवाब में इजराइल ने भी सैन्य कार्रवाई की। अब धीरे-धीरे पश्चिम एशिया का पूरा इलाका इस आग की चपेट में आ रहा है।
अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर कोई सीधा युद्ध नहीं है, लेकिन संघर्ष चल रहा है। अफ्रीका के कई हिस्से भी गृहयुद्ध की आग में जल रहे हैं। सूडान में साल 2023 से दो सैन्य गुटों के बीच लड़ाई चल रही है, जिसने देश को बर्बाद कर दिया है। वहीं माली, बुर्किना फासो, हैती और नाइजर जैसे देश चरमपंथी हिंसा के जाल में फंसे हुए हैं।
मध्य पूर्व में दो दशकों से शायद ही कभी शांति रही हो। इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी समूह अभी भी कहीं न कहीं सक्रिय हैं। चीन और ताइवान के बीच रिश्ते लगातार तल्ख होते जा रहे हैं। अभी कोई सीधी लड़ाई नहीं है, लेकिन दबाव बढ़ा तो ताइवान भी आक्रामक हो सकता है, ऐसे संकेत मिल रहे हैं।
प्रथम विश्व युद्ध में क्या हुआ था? वर्ष 1914-1918 में हुए प्रथम विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्र और केंद्रीय शक्तियां आमने-सामने थीं। मित्र राष्ट्रों में फ्रांस, ब्रिटेन, सोवियत संघ, इटली, अमेरिका, जापान शामिल थे, जबकि केंद्रीय शक्तियों में जर्मनी, ऑस्ट्रिया, ओटोमन साम्राज्य, बुल्गारिया जैसे देश शामिल थे। इसमें 2 करोड़ लोग मारे गए थे।
1939-1945 तक चले द्वितीय विश्व युद्ध में करीब 8 करोड़ लोगों की जान गई थी। यह युद्ध मित्र राष्ट्रों और धुरी राष्ट्रों के बीच था। मित्र राष्ट्रों में फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका, सोवियत संघ और चीन शामिल थे जबकि धुरी राष्ट्रों में जर्मनी, इटली और जापान जैसे देश शामिल थे।
वैसे, रूसी राष्ट्रपति पुतिन इस समय यूक्रेन में नाटो देशों के हस्तक्षेप से काफी नाराज हैं। पुतिन पहले भी कह चुके हैं कि नाटो के हस्तक्षेप से “सभ्यता का विनाश” हो सकता है। मई 2024 में दिमित्री मेदवेदेव ने परमाणु युद्ध की चेतावनी दी थी। अगर रूस इस हमले को नाटो के लिए चुनौती मानता है तो पुतिन अनकही, अनदेखी और अनचाही हरकत भी कर सकते हैं। यह आशंका अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और वहां खड़े रणनीतिकारों ने भी जताई है।
ट्रंप ने यह भी चेतावनी दी है कि यह संघर्ष तीसरे विश्व युद्ध में बदल सकता है। तीसरे विश्व युद्ध की स्थिति अभी काल्पनिक है और यह कैसी होगी यह भू-राजनीतिक, सैन्य और आर्थिक कारणों पर निर्भर करेगा। मौजूदा स्थिति को देखें तो दुनिया के ताकतवर देश कई गुटों में बंट सकते हैं।
आमतौर पर विश्वयुद्ध की स्थिति में दो गुट ही दिखाई देते हैं। अगर ऐसा हुआ तो एक गुट अमेरिका का और दूसरा गुट रूस का हो सकता है। इस स्थिति में यूरोप के कई देश अमेरिका के साथ आ सकते हैं। इसके अलावा नाटो देश भी अमेरिका के साथ आ सकते हैं। ब्रिटेन के रुख के बाद यूरोप के कुछ देश अपना पक्ष तय कर सकते हैं। इसके अलावा रूस, चीन, उत्तर कोरिया और अरब देश दूसरे गुट में शामिल हो सकते हैं।
अगर कई गुट बने तो एक ग्रुप में पश्चिमी गठबंधन का हो सकता है, जिसमें नाटो देश साथ हो सकते हैं। ये वो देश हैं जो रूस और यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन के साथ नज़र आ रहे हैं। इन देशों में अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, इटली, पोलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, फ़िनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया आदि शामिल हो सकते हैं। अगर बात करें इज़राइल, संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों की तो ये भी इनके साथ खड़े नज़र आ सकते हैं।
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इसके अलावा जो देश यूक्रेन के ख़िलाफ़ हैं और रूस के साथ हैं, उन्हें एक समूह में देखा जा सकता है। इस समूह में रूस, बेलारूस, उत्तर कोरिया, ईरान और संभवतः चीन को साथ देखा जा सकता है। सीरिया, वेनेजुएला और क्यूबा जैसे कुछ अन्य देश भी रूस का समर्थन कर सकते हैं। हालांकि, उनकी स्थिति बाद में तय की जाएगी।
साथ ही, उन देशों का एक समूह भी देखा जा सकता है, जिसमें वे तटस्थ भूमिका में होंगे। वे सीधे युद्ध में शामिल नहीं होंगे और युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इनमें भारत, के साथ ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका जैसे देश शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा अगर कुछ खाड़ी देश रूस के साथ नहीं जाते हैं तो उन्हें भी इस समूह में देखा जा सकता है।