ईरान ने दी होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने की मंजूरी, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: ईरान ने इजरायल और अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बीच एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरानी संसद ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, हालांकि अंतिम निर्णय सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल द्वारा लिया जाएगा। इस प्रस्ताव पर रविवार को मतदान हुआ था।
होर्मुज जलडमरूमध्य दुनिया के तेल व्यापार का एक महत्वपूर्ण मार्ग है, जिससे वैश्विक स्तर पर लगभग 26% तेल की आपूर्ति होती है। अगर ईरान इस प्रस्ताव को लागू करता है, तो इसका दुनिया भर में गहरा प्रभाव पड़ेगा, खासकर अमेरिका और भारत जैसे देशों पर। इस कदम से वैश्विक तेल बाजार में उथल-पुथल मच सकती है।
होर्मुज जलडमरूमध्य एक महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग है जो फारस की खाड़ी को अरब सागर और हिंद महासागर से जोड़ता है। यह लगभग 33 किलोमीटर चौड़ा है और ईरान के नियंत्रण में है। इस जलडमरूमध्य में जहाजों के आवागमन के लिए उपलब्ध मार्ग मात्र 3 किलोमीटर चौड़ा है, जिसके कारण यह दुनिया के लिए एक रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान बन जाता है। खाड़ी क्षेत्र के देशों से निर्यात होने वाले अधिकांश तेल की आपूर्ति इसी मार्ग के माध्यम से की जाती है।
ईरानी सांसद और रिवोल्यूशनरी गार्ड कमांडर इस्माइल कोसारी ने चेतावनी दी है कि होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करना उनकी योजना का हिस्सा है और आवश्यकता पड़ने पर ऐसा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद इस कदम को मंजूरी दे देती है, तो इसका वैश्विक स्तर पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। इससे पहले, सांसद याज्दिखाह ने भी कहा था कि यदि अमेरिका इजरायल के साथ युद्ध में शामिल होता है, तो ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर सकता है।
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होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करना एक वैश्विक संकट को जन्म दे सकता है। यह समुद्री मार्ग लगभग 96 मील की दूरी तक फैला हुआ है। अगर ईरान द्वारा इस मार्ग को बंद कर दिया जाता है, तो कच्चे तेल के दाम आसमान छू सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी उछाल आएगा, जिससे दुनिया के कई हिस्सों में महंगाई बढ़ने की आशंका है। अगर यह मार्ग बंद होता है, तो जहाजों को अपना रास्ता बदलना होगा, जिससे न केवल माल ढुलाई का समय बढ़ेगा बल्कि परिवहन लागत भी काफी अधिक हो जाएगी।