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क्या है ‘दास प्रथा’, जानिए ‘अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस’ का महत्व और क्या है इसका मकसद

World News: आज 2 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय दासता उन्मूलन दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन का उद्देश्य दासता के आधुनिक स्वरूप जैसे मानव तस्करी, यौन शोषण, बाल श्रम, इच्छा के विरुद्ध शादी आदि रोकना ।

  • By सीमा कुमारी
Updated On: Dec 02, 2025 | 05:23 AM

अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस (सौ.सोशल मीडिया)

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International Day Of Abolition For Slavery: आज 2 दिसंबर को पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस मनाया जा रहा है। पुराने समय से चली आ रही दास प्रथा आज भी किसी न किसी रूप में हमारे समाज में कायम है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, संयुक्त राष्ट्र ने हर साल 2 दिसंबर को ‘अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस’ मनाने की घोषणा की।

मानव तस्करी और प्रॉस्टीट्यूशन को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र जनरल एसेम्बली की तरफ से प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें 2 दिसंबर को ‘दास प्रथा उन्मूलन दिवस’ मनाने का ऐलान हुआ। ऐसे में आइए आज अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस के अवसर पर जानें इससे जुड़े महत्वपूर्ण बातें-

जानिए कैसे हुई ‘दास प्रथा उन्मूलन दिवस’ की शुरुआत

प्राप्त जानकारी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र जनरल असेम्बली में 2 दिसंबर 1949 को एक संकल्प पारित हुआ, जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस को अडॉप्ट किया गया। बताया जाता है कि, इस दिवस का मुख्य उद्देश्य मानव तस्करी रोकना और वेश्यावृति को रोकना था।

दोनों को दासता का प्रतीक मानते हुए रेजोल्यूशन 317 (IV) पारित किया गया। यूनाइटेड नेशंस के अनुसार अनुमानित 40.3 मिलियन लोग आधुनिक दासता के शिकार हैं। जिनमें श्रम में 24.9 और जबरन विवाह में 15.4 मिलियन लोग शामिल हैं। सबसे बड़ी खास बात यह है कि आधुनिक गुलामी के शिकार हर 4 लोगों में से 1 बच्चा है।

जानिए ‘अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस’ का महत्व

बंधुआ मजदूरों की तरह जीवन बिताने वाले बच्चों को मुख्य धारा में लाने के लिए ‘अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस’ से जागरूकता लाना अहम मुद्दा है। बच्चों और अभिभावकों को इस बारे में बताकर इसे रोकने के उपाय किए जा सकते हैं।

इसके अलावा, काम के नाम पर यौन शोषण का शिकार होने वाली महिलाओं का शोषण रोकने के लिए भी इस दिन की अहमियत दी जाती है। महिला वर्ग और बच्चों को साधारण जीवन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा के माध्यम से कार्यक्रमों का आयोजन कर इसे रोकने का सतत प्रयास करना जरूरी है।

यह भी पढ़ें-विश्व एड्स दिवस 2025 के राष्ट्रीय समारोह में जेपी नड्डा करेंगे शिरकत, इलाज में डिजिटल साधनों पर फोकस   

क्या है अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस का थीम

इस दिन की मुख्य थीम गुलामी के वर्तमान स्वरूपों को समाप्त करना है। इसमें इंसानों की तस्करी, यौन शोषण, बाल श्रम, जबरन शादी, हथियारों की स्पर्धा में बच्चों पर दबाव डालकर उनकी भर्ती करना आदि चीजें शामिल है। ये सभी रूप आधुनिक युग में दास प्रथा के प्रतीक है।

When is international day for the abolition of slavery observed

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Published On: Dec 02, 2025 | 05:23 AM

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