काबा में हिजाब पहनी महिला से बदतमीजी (सोर्स- सोशल मीडिया)
Security Officer Makkah Controversy: सऊदी अरब के पवित्र इस्लामिक शहर मक्का से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें मस्जिद अल-हरम में तैनात एक सुरक्षाकर्मी की हरकतों ने लोगों को गुस्से से भर दिया है। वीडियो में इसमें सुरक्षाकर्मी को पवित्र काबा के पास मौजूद हाजियों से धक्का-मुक्की करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो की शुरुआत में वह एक हिजाब पहनी महिला को जबरदस्ती उसकी जगह से खींचकर आगे कर देता है।
इसके बाद वह एहराम पहने एक पुरुष हाजी को बार-बार धकेलता है। हाजी उसे ऐसा करने से रोकने की कोशिश करता है और कहता है कि उसे न छुए, लेकिन सुरक्षाकर्मी अपनी हरकत जारी रखता है। सोशल मीडिया पर इसे लेकर लोग अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं और कह रहे हैं कि अल्लाह के घर जैसी पवित्र जगह पर इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है।
कई यूजर्स ने टिप्पणी की कि सुरक्षाकर्मी को किसी महिला को छूने या खींचने का अधिकार नहीं था, जबकि कुछ ने इसे हाजियों के प्रति अपमानजनक बताया। वहीं, घटना पर सऊदी अरब के अधिकारियों की आधिकारिक प्रतिक्रिया भी सामने आई है। मक्का क्षेत्र और सऊदी सार्वजनिक सुरक्षा विभाग ने बयान जारी कर कहा कि हज और उमराह सुरक्षा के लिए तैनात विशेष बलों ने वीडियो में दिखे व्यक्ति के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की है।
Kabe polislerinin vatandaşlara karşı kaba davranışları gündem oldu. pic.twitter.com/Fy1FnZpm9N — Jurnal (@jurnalhabertr) November 3, 2025
बयान में पुष्टि की गई कि संबंधित सुरक्षाकर्मी ने नियमों और निर्देशों का उल्लंघन किया था, और उसके खिलाफ सऊदी कानून के तहत कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी गई है। सऊदी अधिकारियों ने यह भी दोहराया कि ग्रैंड मस्जिद में तैनात सुरक्षा बलों का मुख्य उद्देश्य हाजियों की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखना है, और किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: ट्रैवल इन्फ्लुएंसर अनुनय सूद का निधन, 32 साल की उम्र में ली आखिरी सांस; क्यों थम गई जीवन यात्रा?
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं दो हिस्सों में बंटी हुई हैं। एक ओर लोग सुरक्षाकर्मी की निंदा कर रहे हैं और सख्त सजा की मांग कर रहे हैं, वहीं कुछ उपयोगकर्ता उसका बचाव करते हुए कह रहे हैं कि संभवतः वह भीड़ नियंत्रित करने और सुरक्षा नियमों को लागू करने की कोशिश कर रहा था।
हालांकि, अधिकांश लोगों का कहना है कि चाहे जो भी स्थिति रही हो, इतनी पवित्र जगह पर श्रद्धालुओं के साथ इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है और इससे हरम की गरिमा को ठेस पहुंचती है।