गाजा के पुनर्निर्माण के लिए अमेरिका ने 'प्रोजेक्ट सनराइज' पेश किया है (सोर्स-सोशल मीडिया)
Middle East Riviera Vision: युद्ध की विभीषिका झेल रहे गाजा के लिए अमेरिका ने एक ऐसी महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है जो किसी सपने जैसी लगती है। ट्रंप प्रशासन के ‘प्रोजेक्ट सनराइज’ के तहत गाजा के मलबे को हटाकर वहां आलीशान होटल, हाई-स्पीड रेल और स्मार्ट सिटी बनाई जाएगी।
जेरेड कुशनर और स्टीव विटकॉफ द्वारा तैयार यह 32 पन्नों का ब्लूप्रिंट गाजा को दुनिया के बेहतरीन तटीय शहरों की कतार में खड़ा करने का दावा करता है। हालांकि, इस ‘जन्नत’ को हकीकत में बदलने के लिए अमेरिका ने हमास के सामने हथियार डालने की एक बेहद कड़ी शर्त भी रखी है।
🚨🇮🇱 Gaza smart city project.
A Kushner-Witkoff team has drafted a 20-year, $112 billion plan to transform Gaza into a high-tech luxury destination, according to the Wall Street Journal. pic.twitter.com/zBQycQzBsY — Terror Alarm (@Terror_Alarm) December 20, 2025
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, ‘प्रोजेक्ट सनराइज’ का लक्ष्य अगले 20 वर्षों में गाजा का पूरी तरह कायाकल्प करना है। पहले 10 वर्षों में ही इस पर 112.1 अरब डॉलर (लगभग 9.5 लाख करोड़ रुपये) खर्च होने का अनुमान है। अमेरिका इस प्रोजेक्ट में ‘एंकर’ की भूमिका निभाएगा और करीब 60 अरब डॉलर का शुरुआती फंड ग्रांट और लोन गारंटी के रूप में देगा।
बाकी रकम के लिए खाड़ी देशों, तुर्की और मिस्र जैसे संभावित दानदाताओं से संपर्क किया गया है। योजना यह है कि 10वें साल तक गाजा की 70% कोस्टलाइन से कमाई शुरू हो जाए, जिससे यह प्रोजेक्ट आत्मनिर्भर बन सके।
इस मास्टर प्लान में सबसे खास जिक्र ‘न्यू रफा’ का है। इसे गाजा की नई “शासन सीट” (Seat of Governance) बनाया जाएगा। यहां 1 लाख से ज्यादा आधुनिक आवास, 200 से अधिक स्कूल, 75 मेडिकल सुविधाएं और 180 मस्जिदें बनाई जाएंगी।
यह शहर करीब 5 लाख लोगों को बसाने की क्षमता रखेगा। पुनर्निर्माण का काम चार चरणों में होगा, जिसकी शुरुआत दक्षिण में रफा और खान यूनिस से होगी और अंत में गाजा सिटी को एक ‘स्मार्ट सिटी’ के रूप में विकसित किया जाएगा।
अमेरिका का विजन गाजा को सिर्फ बसाना नहीं, बल्कि उसे ‘मिडल ईस्ट का रिवेरा’ बनाना है। योजना में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित नागरिक सेवाएं, हाई-स्पीड रेल नेटवर्क और समुद्र किनारे आलीशान रिसॉर्ट्स शामिल हैं।
मलबे और सुरंगों को साफ करने के बाद वहां ऐसी गगनचुंबी इमारतें खड़ी की जाएंगी जो दुनिया भर के पर्यटकों और निवेशकों को आकर्षित करें। जानकारों का मानना है कि अगर सुरक्षा स्थिति अनुकूल रही, तो यह योजना अगले दो महीनों में ही धरातल पर उतर सकती है।
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इस पूरी योजना की सफलता के लिए अमेरिका और इजराइल ने एक अनिवार्य शर्त रखी है, हमास को पूरी तरह से निशस्त्रीकरण (Demilitarization) करना होगा। हमास को अपने सभी हथियार और सुरंगें नष्ट करनी होंगी। फिलहाल हमास ने इस शर्त को मानने से इनकार किया है, जिससे प्रोजेक्ट पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं।
आलोचकों का यह भी कहना है कि इस योजना में विस्थापित फिलिस्तीनियों के भविष्य और उनके रहने की जगह पर स्पष्टता की कमी है। क्या तबाही का मंजर देख रहा गाजा सच में एक लग्जरी डेस्टिनेशन बन पाएगा, यह भविष्य के गर्भ में है।