2026 में चुनाव को लेकर अमेरिकी सांसदों ने मोहम्मद यूनुस को लिखा (सोर्स-सोशल मीडिया)
Awami League Ban Warning: बांग्लादेश में 12 फरवरी 2026 को होने वाले आम चुनावों से पहले अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने लगा है। अमेरिका के प्रभावशाली सांसदों ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को एक कड़ा पत्र लिखा है। सांसदों ने चेतावनी दी है कि किसी भी राजनीतिक दल (विशेषकर आवामी लीग) को प्रतिबंधित करना निष्पक्ष चुनाव की राह में बड़ी बाधा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल समावेशी भागीदारी से ही बांग्लादेश में लोकतांत्रिक संस्थाओं पर जनता का भरोसा बहाल किया जा सकता है।
अमेरिकी सांसदों ग्रेगरी मीक्स, बिल हुइजेंगा और सिडनी कैमलैगर-डोव सहित अन्य ने अपनी चिट्ठी में अवामी लीग की गतिविधियों को पूरी तरह निलंबित करने के फैसले पर गहरी चिंता जताई। सांसदों ने तर्क दिया कि ‘संगठन बनाने की स्वतंत्रता’ एक मौलिक मानवाधिकार है।
उन्होंने कहा कि पूरी पार्टी को प्रतिबंधित करने के बजाय केवल उन व्यक्तियों पर कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने अपराध किए हैं। यदि किसी प्रमुख राजनीतिक दल को चुनाव से बाहर रखा जाता है, तो आगामी चुनावों की विश्वसनीयता 2018 और 2024 के विवादित चुनावों की तरह ही संदिग्ध हो जाएगी।
सांसदों ने ‘इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल’ को दोबारा शुरू करने के कदम को भी “त्रुटिपूर्ण” (flawed) बताया। उनका मानना है कि इस न्यायाधिकरण का उपयोग बदले की राजनीति के लिए किया जा सकता है, जिससे राष्ट्रीय एकता और चुनाव प्रक्रिया को नुकसान पहुंचेगा। सांसदों ने यूनुस सरकार को सलाह दी कि वे “बदले की राजनीति के चक्र” को खत्म कर कानून के शासन (Rule of Law) पर ध्यान केंद्रित करें।
चुनावों के बीच अमेरिकी सांसद थॉमस आर. सुओजी ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को अलग से पत्र लिखकर बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर रिपोर्ट मांगी है।
उन्होंने हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं और ईशनिंदा कानूनों (Blasphemy Laws) के बढ़ते दुरुपयोग पर चिंता जताई। सांसदों का कहना है कि जब तक अल्पसंख्यकों और विपक्षी कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा नहीं रुकती, तब तक स्वतंत्र मतदान संभव नहीं है।
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सांसदों ने अंत में कहा कि बांग्लादेश अमेरिका का एक “महत्वपूर्ण साझेदार” है और वे देश के लोकतांत्रिक परिवर्तन में सहयोग के लिए तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने जोर दिया कि बांग्लादेश के लोगों को अपनी सरकार चुनने का पूरा अधिकार है और यह तभी संभव है जब चुनाव में सभी दल बिना किसी डर के हिस्सा ले सकें। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने 1,400 लोगों की मौतों के लिए जवाबदेही तय करने की भी मांग की।