यूक्रेन के ऑपरेशन स्पाइडर वेब से पूरी दुनिया में बदल जाएगा युद्ध का तरीका, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
मास्को: रविवार को यूक्रेन ने रूस पर एक बड़ा ड्रोन हमला करके सभी को हैरान कर दिया है। इस हमले को ऑपरेशन स्पाइडर वेब का नाम दिया गया है, जिसमें यूक्रेन ने ड्रोन के जरिए रूस के कई एयरबेस को निशाना बनाया। ये एयरबेस रूस की सीमा से सैंकड़ों किलोमीटर अंदर स्थित हैं। इस मिशन के लिए यूक्रेन ने FPV ड्रोन का इस्तेमाल किया, जिन्हें ट्रकों में छुपाकर रूस के अंदर भेजा गया।
वहां इन ड्रोन को विस्फोटकों से लैस करके रूसी एयरबेस पर हमला किया गया। इस ऑपरेशन को पूरा करने में यूक्रेन को 18 महीने लगे हैं। इसे युद्ध के मैदान में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है, खासकर ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल को लेकर विश्व का ध्यान अब इस पर केंद्रित होने वाला है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने रूस के एयरबेस पर हुए हमले को बेहद प्रभावशाली बताते हुए कहा कि यह घटना इतिहास में अपनी जगह बनाएगी। उन्होंने कहा कि इस हमले से रूस को करीब 7 अरब डॉलर का भारी नुकसान हुआ है। यूक्रेन ने 100 से अधिक ड्रोन के जरिए रूस के पांच सैन्य हवाई अड्डों को निशाना बनाया, जिनमें से 41 बमवर्षक विमान नष्ट हो गए। खास बात यह है कि ये एयरबेस रूस की सीमा के भीतर गहराई में स्थित हैं, कुछ तो फ्रंटलाइन से लगभग 4,000 किलोमीटर दूर, साइबेरिया क्षेत्र में भी हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन द्वारा किया गया यह ड्रोन हमला ‘ट्रोजन हॉर्स अटैक’ की तरह माना जा सकता है, क्योंकि इसे जिस रणनीति से अंजाम दिया गया और जो नुकसान हुआ, वह इसी तरह की कार्यवाही की ओर इशारा करता है। इस ऑपरेशन के तहत यूक्रेन ने रूस में लकड़ी के केबिन और खास तरह के फर्स्ट-पर्सन व्यू (FPV) ड्रोन को तस्करी के जरिए भेजा। ये केबिन ट्रकों में रखे गए थे, जिनमें ड्रोन छिपे हुए थे। जब ट्रक रूसी एयरबेस के पास पहुंचे, तो केबिन की छतें खोली गईं और ड्रोन उड़ान भरते ही रूसी ठिकानों पर हमला करने लगे।
यूक्रेन ने इस हमले में एफपीवी ड्रोन का उपयोग किया है। ये ड्रोन आकार में छोटे होते हैं और इनके आगे कैमरे लगे होते हैं, जो ऑपरेटर को सीधा वीडियो फीड भेजते हैं। इससे ऑपरेटर को ऐसा अनुभव मिलता है जैसे वह खुद किसी लड़ाकू विमान को चला रहा हो, जिससे वह बेहद सटीक और फुर्तीली उड़ान भर सकता है। इन ड्रोन ने वीडियो फुटेज भेजने के लिए रूसी मोबाइल नेटवर्क का ही सहारा लिया।
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अमेरिकी नौसेना में 25 वर्षों तक सेवा देने वाले और वर्तमान में सेंटर फॉर न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी के रक्षा कार्यक्रम में सहायक वरिष्ठ फेलो थॉमस शुगार्ट का कहना है कि भविष्य में ऐसे हमले दुनिया के अन्य क्षेत्रों में भी देखने को मिल सकते हैं। उनके अनुसार, ड्रोन के कारण हवाई क्षेत्र को खतरा काफी बढ़ गया है, क्योंकि ये कम लागत में और बिना किसी शोर के फाइटर जेट की तरह गंभीर नुकसान पहुंचाने में सक्षम हैं।
वहीं, स्पाइडर वेब को रक्षा एक्सपर्ट दुनिया के सबसे खास सैन्य ऑपरेशनों में से एक कह रहे हैं। मिडिल ईस्ट प्रोग्राम के स्कोक्रॉफ्ट मिडिल ईस्ट सिक्योरिटी इनिशिएटिव के वरिष्ठ सदस्य और नॉर्थ्रॉपग्रुमैन से जुड़े रहे एलेक्स प्लिटस ने कहा है इस ऑपरेशन में यूक्रेन ने रूस के बमवर्षक बेड़े के एक तिहाई हिस्से को नष्ट कर दिया और मानव रहित सतह ड्रोन ने ब्लैक फ्लीट को भी खत्म कर दिया। ये यूक्रेन की ओर से रूस के लिए एक बहुत बड़ा झटका है। इस हमले ने यूक्रेन में युद्ध के मैदान में होने वाले नियमों को पूरी तरह से बदल के रख दिया है।