ट्रंप-पुतिन के इस कदम से डरे जेलेंस्की, फोटो (सो. एआई डिजाइन)
Russia Ukraine War News: रूस के साथ संभावित समझौते को लेकर बढ़ते अमेरिकी दबाव के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की अपने रुख पर अडिग दिखाई दे रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यूक्रेन अपनी कोई भी जमीन रूस को नहीं सौंपेगा। जेलेंस्की ने कहा कि यह लड़ाई ही इसलिए लड़ी जा रही है ताकि देश की क्षेत्रीय अखंडता को किसी भी कीमत पर सुरक्षित रखा जा सके।
अमेरिका द्वारा हाल में पेश किए गए नए प्रस्ताव ने यूक्रेनी नेतृत्व की चिंता बढ़ा दी है। इस प्रस्ताव में यूक्रेन से डोनबास सहित कई क्षेत्रों को छोड़ने की मांग की गई है। इतना ही नहीं, अमेरिका ने क्रीमिया सहित इन इलाकों पर रूस की आधिकारिक संप्रभुता मानने की पेशकश भी की है। जाहिर है कि इन शर्तों को यूक्रेन किसी भी स्थिति में स्वीकार करने के पक्ष में नहीं है।
इसी दबाव के बीच जेलेंस्की ने गुरुवार को करीब 30 देशों के नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक अर्जेंट मीटिंग बुलाई है। बताया गया है कि इस बैठक में जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन सहित कई यूरोपीय सहयोगी देश शामिल होंगे। कुछ देशों ने वीडियो लिंक के ज़रिए जुड़ने पर भी सहमति जताई है। इस बैठक को ‘कोएलिशन ऑफ द विलिंग’ नाम दिया गया है, जो संकेत देता है कि यूक्रेन अपने इच्छुक सहयोगी देशों के साथ एक नई रणनीति बनाने की कोशिश में है।
सूत्रों के मुताबिक, इस मीटिंग को जल्दबाजी में आयोजित किए जाने की मुख्य वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बढ़ता दबाव है। ट्रंप ने बुधवार को कहा था कि उन्होंने यूरोपीय नेताओं के साथ फोन पर नए प्रस्ताव को लेकर कड़े शब्दों में बातचीत की है। उनका कहना था कि जेलेंस्की को यथार्थवादी बनना होगा और शांति समझौते के तहत कुछ क्षेत्रों को रूस को सौंपना ही पड़ेगा।
ट्रंप की इस टिप्पणी के बाद यूक्रेनी प्रशासन में हलचल तेज हो गई है। रिपोर्टों के अनुसार, यूक्रेन के अधिकारी इस दबाव को टालने के उपाय खोज रहे हैं और यूरोपीय देशों का समर्थन मजबूत करने में जुटे हैं। यूक्रेन का मानना है कि यदि यूरोप उसके साथ मजबूती से खड़ा रहता है, तो अमेरिका की ओर से हो रहे इस दबाव को काफी हद तक संतुलित किया जा सकता है।
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फिलहाल यूक्रेन इस रणनीति पर काम कर रहा है कि किसी भी स्थिति में लड़ाई खत्म करते हुए भी वह अपनी क्षेत्रीय अखंडता से समझौता न करे। यूरोपीय देशों की प्रतिक्रिया और इस बैठक के परिणाम आने वाले दिनों में रूस-यूक्रेन युद्ध की दिशा तय कर सकते हैं।