ट्रंप-ट्रूडो-मोदी
वाशिंगटन: जहां एक तरफ बीते सोमवार को कनाडा के प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी के नेता जस्टिन ट्रूडो ने लंबे चले विरोध के बाद आखिरकार इस्तीफा दे ही दिया है। वहीं कनाडा में बढ़ती महंगाई, नौकरियों की कमी और मंदी के कारण ट्रूडो का विरोध हा रहा रहा। इसके साथ ही कई लिबरल पार्टी के कई नेता भी चाहते थे कि ट्रूडो अपना पद अब छोड़ दें, ताकी 2025 को होने वाले चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए पार्टी को नया चेहरा भी मिल सके। हालांकि कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा कि, जब तक पार्टी नया नेता नहीं चुन लेती, तब तक वह प्रधानमंत्री बने रहेंगे।
इधर इन सबके बीच अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के कुछ समय बाद ही कनाडा को अमेरिका का 51वां प्रांत बनाने का अपना प्रस्ताव दोहराया। ट्रंप, बीते 5 नवंबर को भी अपनी चुनावी जीत के बाद ‘मार-ए-लागो’ में ट्रूडो से मुलाकात के बाद से ही कनाडा को अमेरिका का 51वां प्रांत बनाने का विचार व्यक्त करते रहे हैं। उसके बाद से वह कई बार अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर इसका जिक्र कर चुके हैं।
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जानकारी दें कि, ट्रंप के पिछले कार्यकाल (2017-2021) के दौरान भी ट्रूडो के साथ उनके कभी अच्छे संबंध नहीं रहे थे। ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘कनाडा में भी बहुत से लोग अपने देश को अमेरिका का 51वां प्रांत बनाने के इच्छुक हैं। अमेरिका अब उन भारी व्यापार घाटे और सब्सिडी को वहन नहीं कर सकता है जिनकी कनाडा को अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए जरूरत है। जस्टिन ट्रूडो को यह पता था और उन्होंने इस्तीफा दे दिया।”
ट्रूडो के इस्तीफे के बाद सोमवार को ट्रंप ने कहा, ‘‘अगर कनाडा अमेरिका का हिस्सा बन जाता है तो कोई कर नहीं होगा, कर बहुत कम हो जाएंगे और वे रूसी और चीनी जहाजों के खतरे से पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे जो लगातार उन्हें घेरे रहते हैं। साथ मिलकर, यह कितना महान देश बनेगा।”
कनाडा की ओर से ट्रंप के प्रस्ताव पर कोई तवज्जो नहीं दी गई है। ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर कनाडा अमेरिका के साथ अपनी दक्षिणी सीमा से मादक पदार्थ तस्करी और अवैध प्रवासियों की घुसपैठ को नहीं रोकता है तो कनाडाई आयात पर 25 प्रतिशत कर लगाया जाएगा।
गौरतलब है कि, ट्रंप कनाडा को लेकर ये बातें तब कर रहे हैं, जब ट्रूडो अपने जीवन के सबसे बड़े राजनीतिक संकट में फँसे हुए हैं। कहा जा रहा है कि ट्रंप कनाडा की नाज़ुक स्थिति का पर्याप्त दोहन भी करते देखे जा रहे हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनने को लेकर विचार करना चाहिए। ट्रंप ने आगे कहा कि इस तरह के कदम से टैक्स में कमी और सैन्य सुरक्षा के माध्यम से कनाडाई लोगों को लाभ होगा। ट्रंप का मानना है कि, अगर कनाडा अमेरिका में विलय करता है, तो वहां कोई टैरिफ नहीं होगा, कर कम हो जाएंगे और वे रूसी-चीनी जहाजों के खतरे से सुरक्षित रहेंगे, जो लगातार उन्हें घेरे रहते हैं।
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वहीं इस महीने की शुरुआत में ही ट्रंप ने अमेरिकी उद्योगों की रक्षा करने और डॉलर से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए अपनी आर्थिक नीतियों के तहत भारी शुल्क लगाने की भी धमकी दे डाली थी। इनमें चीन से आयात पर 10 % अतिरिक्त टैरिफ और कनाडा और मैक्सिको पर 25 % टैरिफ लगाने का प्रस्ताव भी शामिल है। इन नीतियों से व्यापार में रुकावट आ सकती है, जो भारतीय निर्यातकों के लिए इन बाजारों में हिस्सेदारी बढ़ाने के बड़े मौके खोल सकती है।
हालांकि कनाडा और अमेरिका के सोशल सिस्टम में काफी बुनियादी अंतर है। कनाडा में जहां टैक्स ज़्यादा है तो सुविधाएं भी ज़्यादा हैं। वहीं इनमें सबके लिए एक समान मेडिकल सुविधाएं भी हैं और यह कनाडा की सामाजिक सुरक्षा की प्राथमिकता को भी दर्शाता है। वहीं कनाडा के कई बुद्धिजीवियों का यह भी मानना है कि, ट्रंप को लगता है कि टैक्स में बचत के ऑफर से कनाडा के लोग आकर्षित हो जाएंगे तो वह कनाडाई मूल्यों को ही समझने में बड़ी चूक कर रहे हैं।
वहीं अमेरिका के 51वां राज्य बनने का ऑफर दिया तो लेजर पोल ने कनाडा के भीतर एक सर्वे किया था कि वाक़ई में ही लोकल कनाडाई अमेरिका में शामिल होना चाहते हैं?इस पोल के मुताबिक़ केवल 13 % कनाडाई नागरिक ही अमेरिकी स्टेट बनना पसंद करेंगे। वहीं कनाडा की विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के 21 % समर्थक भी ट्रंप के आइडिया से सहमत हैं और खुद ट्रूडो की लिबरल पार्टी के 10 में से एक वोटर ने अमेरिकी राज्य बनने पर अपनी सहमति जताई। आश्चर्य की बात यह रही कि, सबसे ज़्यादा पीपल्स पार्टी ऑफ कनाडा के 25 % लोगों ने अमेरिकी राज्य बनने का समर्थन किया और सबसे कम 6 % NDP पार्टी ने।
हालांकि रॉयटर्स की मानें तो , वित्तीय मामलों के थिंक टैंक डिजार्डियंस के अर्थशास्त्रियों का भी अनुमान है कि ट्रंप की इन्ही नीतियों के चलते साल 2028 के अंत तक कनाडा की जीडीपी में 1.7 फ़ीसदी तक गिरावट आ सकती है।