पाकिस्तान में आतंकी हमला (सोर्स - सोशल मीडिया)
Terrorist Attack in Pakistan: पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में शनिवार तड़के पाकिस्तानी तालिबान (टीटीपी) के एक घातक हमले में कम से कम 12 सैनिक मारे गए और चार अन्य घायल हो गए। जानकारी के मुताबिक यह हमला दक्षिणी वज़ीरिस्तान ज़िले में सुबह लगभग 4 बजे उस समय हुआ जब सेना का एक काफिला इलाके से गुजर रहा था।
एक स्थानीय सरकारी अधिकारी ने बताया कि “दोनों ओर से भारी हथियारों से गोलीबारी की गई, जिसमें 12 सुरक्षाकर्मी मारे गए और चार घायल हो गए।” हमलावर सेना के हथियार और उपकरण भी लेकर मौके से भाग गए। इलाके के सुरक्षा प्रभारी ने भी हताहतों की संख्या की पुष्टि की और कहा कि हमला बहुत सुनियोजित और भीषण था।
आतंकवादी संगठन पाकिस्तानी तालिबान, जिसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के नाम से भी जाना जाता है, ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। इस हमले को हाल के महीनों में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुई सबसे घातक घटनाओं में से एक माना जा रहा है। टीटीपी की इस क्षेत्र में कभी मजबूत उपस्थिति थी, लेकिन 2014 में पाकिस्तानी सेना के एक बड़े अभियान के बाद उन्हें पीछे हटना पड़ा।
अफगानी तालिबान अलग-अलग संगठन हैं, फिर भी माना जाता है कि दोनों के बीच घनिष्ठ संबंध हैं। पाकिस्तान लगातार आरोप लगाता रहा है कि अफगानिस्तान अपनी धरती पर सक्रिय आतंकवादियों को खत्म करने में विफल रहा है, जो बाद में पाकिस्तान पर हमला करते हैं। वहीं, काबुल प्रशासन इन आरोपों का खंडन करता रहा है।
हाल ही में, खैबर पख्तूनख्वा के कई ज़िलों में इमारतों की दीवारों पर टीटीपी के नाम वाले पोस्टर और नारे (भित्तिचित्र) दिखाई दिए हैं, जिससे आम नागरिकों में डर और यह आशंका बढ़ गई है कि तालिबान के इस क्षेत्र पर कब्ज़ा करने का दौर फिर से लौट सकता है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने एएफपी को बताया कि पिछले कुछ महीनों में टीटीपी लड़ाकों की आवाजाही और हमलों की आवृत्ति में काफी वृद्धि हुई है।
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1 जनवरी, 2025 से अब तक खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवादी हमलों में लगभग 460 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें से ज़्यादातर सुरक्षा बल के जवान हैं। वहीं, इस्लामाबाद स्थित सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज के अनुसार, पिछले साल पाकिस्तान ने लगभग एक दशक में सबसे भीषण दौर का सामना किया, जब हिंसा में 1,600 से ज़्यादा लोग मारे गए। इनमें से लगभग आधे सैनिक और पुलिसकर्मी थे।