सांकेतिक तस्वीर
Telangana Men Body in Bahrain: तेलंगाना के जगतियाल जिले से एक दिल-दहला देने वाली खबर साने आई है, यहां काम की तलाश में पांच साल पहले भारत से बहरीन गए युवक की लाश सरकारी अस्पताल के मुर्दाघर में मिली है। जबकि उसकी पत्नी पिछले पांच साल से अकेले अपने पति की तलाश में दर-दर भरटक रही थी। इस खुलासे ने इलाकें के लोगों को शोक में ड़ाल दिया है।
जानकारी के मुताबिक, मेटपल्ली टाउन के रामनगर निवासी नरेश रोजगार की तलाश में बहरीन गया था, लेकिन बदकिस्मती से उसकी मौत मई 2020 में ही हो गई थी। लेकिन एक छोटी सी भूल के चलते उसका शव एक स्थानीय अस्पताल की मोर्चरी में बिना पहचान के पड़ा रहा। इतने लंबे समय में नरेश के माता-पिता का भी निधन हो गया, जबकि उसकी पत्नी लता अकेले अपने पति की तलाश में लगातार संघर्ष करती रही।
नरेश की शादी 2008 में लता नामक युवती से हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही वह काम की तलाश में बहरीन चला गया। शुरुआत में उसने वहाँ मजदूरी की और फिर एक कंपनी में मैकेनिक के रूप में काम करने लगा। परिवार के साथ उसका आखिरी संपर्क 2018 में हुआ, जब उसने पासपोर्ट रिन्यूअल के लिए पैसे मंगवाए थे।
इसके बाद से वह लापता हो गया। परिवार ने उसे खोजने के लिए तमाम प्रयास किए, लेकिन उसके उपनाम की गलती के कारण भारतीय दूतावास से कोई मदद नहीं मिल सकी। इस दौरान उसके माता-पिता का देहांत हो गया और उसकी पत्नी लता अकेले अपने पति की तलाश में संघर्ष करती रही।
कैसे हुआ खुलासा?
बहरीन स्थित भारतीय दूतावास ने हाल ही में जब सोशल मीडिया पर एक अज्ञात शव की जानकारी साझा की, तब लता को शक हुआ और स्वयंसेवी संस्था ‘सुखी भो’ की मदद से यह पुष्टि हो सकी कि वह शव नरेश का ही था। अब परिवार ने केंद्र और राज्य सरकार से अपील की है कि शव को जल्द से जल्द भारत लाया जाए ताकि उसका अंतिम संस्कार सम्मानपूर्वक किया जा सके। अधिकारी भी यह कह चुके हैं कि प्रक्रिया को तेज करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
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विदेशों में काम की तलाश में गए कई भारतीय नागरिकों की ऐसी ही त्रासद कहानियां सामने आ चुकी हैं। उदाहरण के तौर पर, साल 2016 में केरल के कोल्लम जिले के रहने वाले एक व्यक्ति की मौत सऊदी अरब में हो गई थी, लेकिन गलत पहचान के कारण उसका शव छह महीनों तक वहीं पड़ा रहा।