Russia India Trade
नई दिल्ली: भारत को अगले दो महीनों तक रूसी कच्चे तेल की आपूर्ति में किसी व्यवधान की आशंका नहीं है। लेकिन इसकी तेल रिफाइनरी अमेरिका के नए प्रतिबंधों की जद में आए तेल टैंकरों से आपूर्ति लेने से परहेज कर सकती हैं। सोमवार को एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने यह जानकारी दी।
अमेरिका ने शुक्रवार को रूस के तेल निर्यात के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा की थी। इन पाबंदियों ने रूसी तेल उत्पादकों गैजप्रॉम नेफ्ट और सर्गुटनेफ्टगास के साथ रूसी तेल ले जाने वाले 183 जहाजों को अपनी जद में लिया है। रूस ने 2022 में लगी पाबंदियों के बाद इन तेल टैंकरों का इस्तेमाल भारत और चीन जैसे देशों को तेल भेजने के लिए किया था। जी-सात देशों ने यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद उस पर ये पाबंदियां लगाई थीं।
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इससे बचने के लिए रूस ने अपनी कंपनियों द्वारा बीमाकृत कथित छद्म टैंकर बेड़े का इस्तेमाल किया था। अब इस बेड़े पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। आधिकारिक सूत्र ने कहा कि 12 मार्च तक इस पाबंदी की एक विश्राम अवधि है। इस दौरान मौजूदा अनुबंधों को पूरा करने की अनुमति होगी।
भारतीय बंदरगाहों पर रुकने की मंजूरी नहीं
सूत्र ने कहा कि पहले दो महीनों तक आपूर्ति में कोई व्यवधान नहीं होगा। दो महीनों के भीतर हम शायद भारत में तेल आने के मामले में नई व्यवस्थाएं सामने आते हुए देखेंगे। प्रतिबंधित रूसी टैंकरों को भारतीय बंदरगाहों पर रुकने की मंजूरी नहीं दी जाएगी। इसका एकमात्र अपवाद 10 जनवरी से पहले बुक किए गए रूसी तेल जहाजों के लिए होगा। बशर्ते खेप 12 मार्च तक उतार दी जाए।
भारत सबसे बड़ा खरीददार
सूत्रों के मुताबिक बाजार इन प्रतिबंधों पर रूस की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहा है। वैसे रूस हम तक पहुंचने के तरीके खोज लेगा। फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद भारत रूसी कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बनकर उभरा है। इसकी खरीद कुल आयातित तेल के एक प्रतिशत से बढ़कर देश की कुल तेल खरीद का लगभग 40 प्रतिशत हो गई है।