शेख हसीना
ढाका: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना भले ही सोमवार को पीएम पद से इस्तीफा दी हों, लेकिन इस्तीफे का मन वो रविवार को ही बना चुकी थीं। हालांकि अगर वो ये फैसला रविवार को ही ले लेतीं तो न जाने कितनों की जान बच जाती। शायद इतनी ज्यादा उपद्रव भी न होता, जितना कि बीते दिन हुआ।
शेख हसीना के बेटे सजीब वाजिद रॉय ने बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के एक कार्यक्रम न्यूजआवर से बातचीत में ये बात बताई। उन्होंने कहा कि उनकी मां रविवार को ही अपना पद त्यागने का मन बना चुकी थीं।
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शेख ने बांग्लादेश को गरीबी से उबारा
जाय ने अपनी मां के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी मां, जिन्होंने 15 साल तक बांग्लादेश पर शासन किया था। वह बहुत निराश थीं। जब हसीना शेख ने बांग्लादेश की सत्ता संभाली थी तो वह एक गरीब देश हुआ करता था। आज इसे एशिया के उभरते देशों में से एक माना जाता है।
सख्ती बरतने का आरोप खारिज
प्रदर्शनकारियों से निपटने में सरकार द्वारा सख्ती बरतने के आरोपों के सवाल को जाय ने खारिज किया। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिसकर्मियों को पीट-पीटकर मार डाला गया है। जब भीड़ लोगों को पीट-पीटकर मार रही हो तो ऐसे में पुलिस से क्या ही उम्मीद करेंगे।
शेख हसीना बहुत निराश थीं
बीबीसी वर्ल्ड सर्विस पर न्यूजआवर को दिए इंटरव्यू में जाय ने कहा कि उनकी मां शेख हसीना ने 15 साल तक बांग्लादेश पर शासन किया था। जानलेवा प्रदर्शन से वह बहुत निराश थीं। क्या शेख हसीना फिर से राजनीति में वापसी करेंगी इस सवाल पर जाय ने कहा कि उनकी मां शेख हसीना की कोई राजनीतिक वापसी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हसीना रविवार से ही इस्तीफा देने पर विचार कर रही थीं।
सोमवार को क्या हुआ था
बता दें कि सोमवार को शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद वह देश छोड़ चली गईं। पहले आरक्षण के खिलाफ फिर शेख हसीना की इस्तीफे की मांग को लेकर आग में जल रहे हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने लॉन्ग मार्च टू ढाका के तहत सोमवार को राजधानी कूच किए। वे सब हाउस पहुंचते पहले ही शेख हसीना पीएम पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर चली गईं। उनके जाने के बाद प्रदर्शकारी प्रधानमंत्री आवास में घुस गए। वहां खूब उपद्रव किए। इसके बाद सेना की कार्रवाई में 56 लोगों की मौत हो गई। जुलाई महीने शुरू हुए प्रदर्शन से लेकर अब तक 350 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में 15 से ज्यादा पुलिस कर्मी भी शामिल हैं।
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