शेख हसीना (सोर्स- सोशल मीडिया)
Bangladesh News In Hindi: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। गुरूवार को इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल-1 में चीफ प्रॉसिक्यूटर ने अदालत से हसीना को मौत की सजा देने की मांग की। प्रॉसिक्यूटर ने पिछले साल हुए हिंसक प्रदर्शनों में हुआ मौतों का हवाला देते हुए कहा कि हसीना इन मौतों के लिए जिम्मेदार हैं और उन्हें कुल 1,400 मौत की सजा मिलनी चाहिए।
पिछले साल जुलाई-अगस्त में बांग्लादेश में लगभग 1,400 लोग मारे गए थे, जब छात्र कोटा सिस्टम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे और यह आंदोलन शेख हसीना के शासन के खिलाफ बदल गया। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई और विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि मृतकों की संख्या 1,400 से भी ज्यादा हो सकती है।
पुलिस और सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों के हिंसक हो जाने पर जबरदस्त बल का इस्तेमाल किया। आरोप है कि इस दौरान बहुत अधिक हत्या हुई। विरोध प्रदर्शन इतनी बड़ी हिंसा में बदल गए कि देश को युद्ध क्षेत्र जैसा बना दिया। इसी वजह से बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने शेख हसीना को देश छोड़ने की सलाह दी। हसीना 5 अगस्त 2024 को ढाका छोड़कर भारत चली गईं, जहां वे अब देश निकाला में हैं।
चीफ प्रॉसिक्यूटर मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने पांच दिन की बहस के बाद यह केस खत्म किया और शेख हसीना के साथ-साथ पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस अधिकारी चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून के लिए भी मौत की सजा मांगी। ताजुल इस्लाम ने शेख हसीना को इन हत्याओं का मास्टरमाइंड बताया और कहा कि उन्होंने खुद इन हत्याओं के आदेश दिए।
पूर्व पुलिस अधिकारी अल-मामून ने भी अपने खिलाफ लगे आरोपों को स्वीकार किया और बताया कि हिंसा के दौरान उन्होंने और उनके लोग अपराध किए थे। वहीं, पूर्व गृह मंत्री कमाल पर नरसंहार की योजना बनाने का आरोप है।
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वकील एमडी आमिर हुसैन, जो हसीना और कमाल की तरफ से केस लड़ रहे हैं, ने इस आरोप को खारिज किया और कहा कि पुलिस को प्रदर्शनकारियों की हिंसा का जवाब देना पड़ा था। ट्रिब्यूनल ने अब तक 54 गवाहों के बयान और क्रॉस-एग्जामिनेशन सुने हैं, जिनमें प्रमुख गवाह एमडी आलमगीर भी शामिल हैं।