शशि थरूर (फोटो-सोशल मीडिया)
वाशिंगटनः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम कराने का बार-बार दावा कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। उनके इस दावे ने भारत में सियासी घमासान छेड़ रखा है। कांग्रेस बार-बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्पष्टीकरण मांग रही है। अब इस पूरे मामले पर ऑपरेशन सिंदूर के बाद सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की अमेरिका में अध्यक्षता कर रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने ट्रंप के दावों का दो टूक जवाब देते हुए कहा कि 2 आसमान देशों के बीच मध्यस्थता संभव नहीं है।
शशि थरूर ने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे आतंकवादियों और आतंकवाद से पीड़ितों के बीच कोई तुलना नहीं की जा सकती है। उसी प्रकार से भारत और पाकिस्तान के बीच किसी अन्य देश की मध्यस्थता का सवाल नहीं उठता है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सीजफायर के सवाल पर अपनी बात तो कह दी है, वो भी अमेरिका में ही, लेकिन अभी विपक्षी दलों को प्रधानमंत्री से भारत और पाकिस्तान के संघर्ष से लेकर सीजफायर तक पर स्पष्टीकरण की उम्मीद है।
विदेशों में भारत का आतंकवाद पर पक्ष रखने और पाकिस्तान को एक्सपोज करने के लिए थरूर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का अमेरिका में नेतृत्व कर रहे हैं। गुरुवार को वह काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह बयान दिया। बता दें कि अब तक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप करीब एक दर्जन बार अलग-अलग मौकों पर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद सुलझाने का दावा कर चुके हैं।
ट्रंप दावे पर जाने क्या बोले थरूर?
कांग्रेस सांसद ने कहा कि मध्यस्थता जैसा शब्द हम विशेष रूप से स्वीकार नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कि मैं बताया ऐसा क्यों। असली बात ये है कि जब आप ‘ब्रोकर’ जैसे शब्दों का उपयोग कर रहे होते हैं तो आप एक ऐसी सामानता की बात करते हैं जो वास्तव में है ही नहीं। थरूर ने आतंकवादियों और आतंकवाद से पीड़ितों में कोई समानता नहीं हो सकती। आगे उन्होंने कहा कि एक ऐसा देश जो आतंकवादियों को पनाह देता है और एक ऐसा देश जो सशक्त बहुदलीय लोकतांत्रिक हो। इसके अलावा अपने दम पर तेजी से आगे बढ़ रहा हो। इस स्थिति में दोनों देशों की तुलना कैसे हो सकती है।
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‘भारत उभरता हुआ शक्तिशाली देश…’
थरूर ने आगे कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो सर्वावाइल मोड में है। भारत एक ऐसा पड़ोसी देश है जो 75 वर्षों से चली आ रही जियो पॉलिटिकल व्यवस्था को चेंज करने की कोशिश कर रहा है। इसलिए भारत और पाकिस्तान के बीच कोई सामनता नहीं है। दो आसमान देशों के बीच मध्यस्थता असंभव सी चीज लगती है। सरल शब्दों में कहें तो थरूर के कहने का मलतब है कि पाकिस्तान एक देश के रूप में जिंदा रहने की कोशिश कर रहा है, जबकि भारत एक उभरता हुआ शक्तिशाली देश है। ऐसे में युद्ध की स्थिति में भारत को किसी भी मध्यस्थता की जरूरत नहीं है।