पाकिस्तान सरकार ने TLP पर लगाया बैन (सोर्स- सोशल मीडिया
TLP banned in Pakistan: पाकिस्तान की सरकार ने कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) पर बैन लगा दिया है। यह कदम आतंकरोधी कानूनों के तहत उठाया गया है। टीएलपी के कार्यकर्ता पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान में इजरायल के खिलाफ सरकार की नरम नीतियों के विरोध में हिंसक प्रदर्शन कर रहे थे।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया। सरकार का कहना है कि यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए लिया गया है। गृह मंत्रालय ने टीएलपी की गतिविधियों को देश की स्थिरता के लिए खतरा बताया और इस पर बैन लगाने की सिफारिश की, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।
जानकारी के मुताबिक, शहबाज सरकार ने टीएलपी पर बैन लगाने के साथ ही आतंकी संगथन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दिया है। इसके तहच संगठन की संपत्तियां जब्त करना, बैंक खाते फ्रीज करना और सोशल मीडिया पर इसके प्रचार को रोकना शामिल है। इससे पहले 2021 में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने फ्रांसीसी राजदूत को देश से निकालने के लिए गए विरोध प्रदर्शन के बाद टीएलपी पर प्रतिबंध लगाया था।
पंजाब सरकार ने पिछले हफ्ते टीएलपी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की थी, जो 13 अक्टूबर को मुरीदके में टीएलपी समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसा के बाद उठी थी। उस समय टीएलपी गाजा मार्च निकालकर इस्लामाबाद जाना चाहती थी और अमेरिकी दूतावास के सामने फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन करने का इरादा रखती थी।
मुख्यमंत्री मरियम नवाज की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में तय किया गया कि टीएलपी के उन नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ, जिन्होंने पुलिसकर्मियों की हत्या और तोड़फोड़ की, आतंकवादी अदालतों में मुकदमे चलाए जाएंगे।
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विशेषज्ञों के मुताबिक, टीएलपी पर बैन लगाने से उसकी विचारधारा खत्म नहीं होगी, बल्कि वह अंडरग्राउंड हो जाएगी और और भी खतरनाक बन सकती है। इससे शहबाज शरीफ असली समस्या को खत्म नहीं कर रहे, बस एक दिखावा कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस बैन से पाकिस्तान की राजनीति में और भी हलचल हो सकती है, और टीएलपी की तरह संगठन और भी खतरनाक हो सकते हैं, जैसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान।