पाकिस्तान की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज, डिजाइन फोटो
Pakistan News In Hindi: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को मई 9, 2023 की हिंसा से जुड़े एक और मामले में अदालत से राहत मिल गई है। लाहौर की एंटी-टेररिज्म कोर्ट ने उन्हें दोषमुक्त कर दिया जबकि इसी केस में PTI के कई अन्य बड़े नेताओं को कड़ी सजा सुनाई गई है। इस फैसले के बाद पाकिस्तान की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है।
एंटी-टेररिज़्म कोर्ट ने 9 मई की हिंसा से जुड़े उस मामले का फैसला सुनाया जिसमें सरकारी अधिकारियों के आवास के गेट पर तोड़फोड़ का आरोप था। अदालत ने इस मामले में डॉ. यास्मीन राशिद, मियां महमूद-उल-रशीद, इजाज चौधरी और उमर सरफराज चीमा को दोषी ठहराते हुए 10-10 साल की सजा सुनाई। वहीं, शाह महमूद कुरैशी को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया। यह फैसला एंटी-टेररिज़्म कोर्ट के जज मंजर अली गुल ने सुनाया।
इस केस में कुल 33 आरोपियों पर मुकदमा चला और अदालत के सामने 41 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। अदालत ने 13 आरोपियों को बरी किया, जबकि 8 को सजा सुनाई गई। हालांकि सबसे ज्यादा चर्चा शाह महमूद कुरैशी को मिली राहत को लेकर हो रही है क्योंकि इससे पहले 22 जुलाई 2025 को भी मई 9 से जुड़े एक अन्य मामले में उन्हें बरी किया जा चुका है। उस फैसले में भी कई PTI नेताओं को लंबी सजा मिली थी लेकिन कुरैशी को दोषमुक्त कर दिया गया था।
लगातार दो मामलों में राहत मिलने के बाद राजनीतिक गलियारों में यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या यह सिर्फ कानूनी प्रक्रिया का नतीजा है या इसके पीछे कोई सियासी रणनीति काम कर रही है। खासतौर पर तब, जब कुछ दिन पहले ऐसी खबरें सामने आई थीं कि सरकार से जुड़े कुछ लोग शाह महमूद कुरैशी से मिलने गए थे। इन मुलाकातों के बाद आए अदालती फैसलों ने शक को और गहरा कर दिया है।
PTI समर्थकों और इमरान खान के करीबी नेताओं का आरोप है कि मौजूदा सत्ता प्रतिष्ठान इमरान खान को पूरी तरह अलग-थलग करने की कोशिश कर रहा है। उनका दावा है कि शाह महमूद कुरैशी को पार्टी के भीतर एक ‘सेफ ऑप्शन’ के तौर पर आगे बढ़ाने की रणनीति अपनाई जा रही है ताकि भविष्य में PTI की राजनीति को नियंत्रित किया जा सके। हालांकि, सरकार या कुरैशी की ओर से इन आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
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गौरतलब है कि 9 मई 2023 को इमरान खान की इस्लामाबाद हाई कोर्ट परिसर से रेंजर्स द्वारा गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे थे। इन प्रदर्शनों के दौरान कई सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। इसके बाद PTI के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर बड़े पैमाने पर मामले दर्ज किए गए और सख्त कार्रवाई की गई। अब शाह महमूद कुरैशी को लगातार मिल रही राहत ने पाकिस्तान की राजनीति में नए सवाल और बहस को जन्म दे दिया है।