पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में विद्रोह हो रहे हैं (फोटो- सोशल मीडिया)
इस्लामाबाद: पाकिस्तान एक बड़े राजनीतिक संकट की ओर बढ़ता नजर आ रहा है, जहां उसके तीन प्रमुख क्षेत्र सिंध, बलूचिस्तान और गिलगित-बाल्टिस्तान खुलेआम आजादी की मांग कर रहे हैं। देश की आर्थिक तबाही, आतंकवाद का पोषण और नागरिक अधिकारों के हनन से जनता को बगावत के रास्ते पर धकेल दिया है। बलूचिस्तान ने स्वतंत्रता का ऐलान कर दिया है, सिंध में राष्ट्रवादी आंदोलन तेज हो गए हैं और गिलगित-बाल्टिस्तान में भी सरकार के खिलाफ जन आक्रोश खूब उबल रहा है। सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान अब अपने ही हिस्सों को रोक पाएगा, या इतिहास एक और बंटवारा देखने वाला है?
गिलगित-बाल्टिस्तान, जो कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का हिस्सा है, अब खुद को बलवारिस्तान के नाम से एक नया देश बनाना चाहता है। यहां के लोग सरकार के सौतेले व्यवहार, बुनियादी सुविधाओं की कमी और राजनीतिक उपेक्षा से तंग आ चुके हैं। पर्यटन से भरपूर इस इलाके को जिस तरह से दरकिनार किया गया है, उसने यहां के लोगों को भी आजादी की राह पर खड़ा कर दिया है।
सिंध में आजादी की मांग तेज, आंदोलनकारियों का अल्टीमेटम
सिंध में जय सिंध फ्रीडम मूवमेंट जैसे संगठन पाकिस्तान सरकार पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए आजादी की मांग कर रहे हैं। आंदोलनकारियों का कहना है कि सरकार सिंधी पहचान को मिटाने की कोशिश कर रही है और आजादी की आवाज उठाने वालों को झूठे मामलों में जेलों में बंद किया जा रहा है। इन संगठनों ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से हस्तक्षेप की मांग की है। आंदोलन शांतिपूर्ण होने के बावजूद सरकार की दमनकारी नीतियों से हालात बिगड़ते जा रहे हैं।
बलूचिस्तान ने घोषित की आजादी, भारत से मांगी मान्यता
बलूचिस्तान में विद्रोह अपने चरम पर पहुंच चुका है। हाल ही में बलूच नेता मीर यार बलोच ने सोशल मीडिया पर बलूचिस्तान की आजादी का ऐलान किया और भारत सरकार से दिल्ली में दूतावास खोलने की अपील की। बलूच लड़ाकों ने पाकिस्तान की सेना पर हमला कर 90 जवानों को मौत के घाट उतारने का दावा किया था। बलूच नेताओं का आरोप है कि पाकिस्तान उनके संसाधनों को लूट रहा है जबकि स्थानीय जनता को अधिकार तक नहीं दिए जा रहे। 1947 में स्वतंत्र रियासत रहे बलूचिस्तान को जबरन पाकिस्तान में मिलाया गया था, और अब वही इतिहास पलटने की मांग उठ रही है।
पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान में भी सरकार के खिलाफ भड़का गुस्सा
पाक अधिकृत कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान में सरकार के खिलाफ असंतोष लगातार बढ़ रहा है। गिलगित-बाल्टिस्तान में रहने वाले लोग खुद को बलवारिस्तान के नाम से स्वतंत्र देश बनाने की मांग कर रहे हैं। इस क्षेत्र को पाकिस्तान ने लंबे समय से नजरअंदाज किया है, जहां बुनियादी सुविधाओं की भारी किल्लत है। पीओके की जनता भी अब पाकिस्तान सरकार की नीतियों से नाराज है और भारत के साथ जुड़ने की इच्छा जाहिर कर चुकी है।