पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
रियाद: सऊदी अरब सरकार ने मक्का और मदीना की सुरक्षा के मद्देनजर अमेरिकी पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तैनाती की है। इस संबंध में सऊदी रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक जानकारी साझा की है। मंत्रालय ने हज के दौरान मक्का और ग्रैंड मस्जिद की सुरक्षा मजबूत करने के लिए रैथियन MIM-104 पैट्रियट मिसाइल सिस्टम की तैनाती की तस्वीरें जारी की हैं। इस फैसले ने पूरे मिडिल ईस्ट में हलचल पैदा कर दी है। अब सवाल उठता है कि सऊदी अरब किन खतरों को देखते हुए इस बड़े सैन्य कदम को उठा रहा है?
इस साल, सऊदी अरब ने लगभग 15 लाख हज यात्रियों की सुरक्षा के लिए बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की है। इसके अत्याधुनिक उन्नत एयर डिफेंस और निगरानी प्रणालियों की तैनाती की गई है, जो पहले भी हूती विद्रोहियों की ओर से दागी गई मिसाइलों को रोकने में सफल रही हैं।
इसके साथ ही, नागरिक पुलिस और जमीनी सैन्य बलों के बीच समन्वय को भी और बेहतर किया गया है। पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम की तैनाती यह दिखाती है कि सऊदी अरब अब भी अमेरिका की रक्षा तकनीक पर काफी हद तक निर्भर है, जो उसकी सुरक्षा नीति की एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
सऊदी अरब के रक्षा मंत्रालय ने पैट्रियट मिसाइल सिस्टम की तस्वीरें साझा करते हुए अरबी में एक संदेश दिया: “एयर डिफेंस फोर्स… एक ऐसी आंख जो कभी नहीं सोती।” इस संदेश में यह भी स्पष्ट किया गया कि इस तैनाती का मकसद मुस्लिम तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। हालांकि, सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने इस कदम को यमन के हूती विद्रोहियों के प्रति शक्ति प्रदर्शन के रूप में बता रहे हैं, जिनसे सऊदी अरब 2015 से संघर्ष कर रहा है।
قوات #الدفاع_الجوي.. عينٌ لا تنام، مهمتها سلامة ضيوف الرحمن.#يسر_وطمأنينة pic.twitter.com/bJhtWi0eFW
— وزارة الدفاع (@modgovksa) June 4, 2025
एमआईएम-104 पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम एक मोबाइल सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है, जिसे राथियॉन कंपनी ने विकसित किया है। यह सिस्टम बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों, ड्रोन और अन्य हवाई हमलों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने की क्षमता रखता है। इसके आधुनिक पीएसी-3 संस्करण में उन्नत रडार और इंटरसेप्टर तकनीक शामिल है, जो तेज रफ्तार से आने वाले लक्ष्यों को भी सफलतापूर्वक रोक सकती है। यह प्रणाली लगभग 160 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्यों को भेद सकती है और 6,000 किमी/घंटा से तेज गति वाले हवाई खतरों को भी नष्ट करने में सक्षम है।