सऊदी में बिकेगी शराब (फोटो- सोशल मीडिया)
रियाद: इस्लाम में शराब को हराम माना गया है। सऊदी अरब में सख्त शरीयत कानूनों के तहत शराब पर प्रतिबंध था। लेकिन सऊदी ने 73 साल पुराने प्रतिबंध को हटाने का फैसला लिया है। सरकार ने चुनिंदा पांच सितारा होटलों, रिसॉर्ट्स और लाइसेंस प्राप्त सुविधाओं में शराब बेचने और पीने की अनुमति देने का फैसला किया है।
सऊदी अरब सरकार ने यह फैसला अपने ‘विजन 2030’ योजना को ध्यान में रखते हुए लिया है। इसका मकसद देश के टूरिज्म और वैश्विक निवेश का केंद्र बनाना है। इसके चलते लोग सवाल पूछ रहेहैं कि क्या आने वाले समय में इस्लाम में प्रतिबंधित चीजें सऊदी की पहचान बनने वाली हैं? सऊदी सरकार ने यह फैसला क्यों किया?
सऊदी अरब में लोगों के शराब पीने पर 73 साल से प्रतिबंध है। सऊदी में रह रहे राजनयिकों को ही शराब पीने की इजाजत है लेकिन इसके लिए भी सख्त शर्तें हैं। हालांकि अब देश के करीब 600 स्थानों पर शराब बिक्री की अनुमति दे दी गई है। इनमें फाइव-स्टार होटल, हाई-एंड रिसॉर्ट्स, डिप्लोमैटिक जोन और प्रमुख टूरिज्म प्रोजेक्ट्स जैसे नियोम, सिंदाला द्वीप और रेड सी प्रोजेक्ट शामिल हैं। हालांकि, यह सुविधा सिर्फ अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों और प्रवासियों के लिए होगी। सऊदी के आम लोगों पर यह प्रतिबंध पहले की तरह लागू रहेगा।
जानकारी के मुताबिक, सरकार का यह फैसला आर्थिक सुधार कार्यक्रम का हिस्सा है। इसके उद्देश्य तेल पर निर्भरता को कम करना है। इसके अलावा माना जा रहा है कि यह निर्णय 2030 के एक्सपो और 2034 के फीफा वर्ल्ड कप जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की मेजबानी की तैयारी को देखते हुए लिया गया है।
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सऊदी अरब में शराब पर प्रतिबंध 1951 में एक हादसे के बाद लगाया गया था। नवंबर 1951 में सऊदी अरब के जेद्दाह में पार्टी के दौरान सऊदी के प्रिंस मिशारी बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद ने और शराब न मिलने पर नशे में एक ब्रिटिश राजदूत सिरिल उस्मान को गोली मार दी थी। इसमें उस्मान की मौत हो गई थी। इसके बाद किंग अब्दुलअज़ीज़ बिन अब्दुल रहमान अल सऊद ने सऊदी में शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था।