Russian Ukraine War
कीव: यूक्रेन पर रूस का हमला रूकने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों देशों के बीच जारी जंग में बेगुनाह-बेजुबान बच्चे मारे जा रहे हैं। वे बच्चे जिन्होंने अभी ठीक से अपनी आंखें भी नहीं खोली होगी, वे बच्चे जो अभी किलकारियां भी नहीं निकाल पाए थे। वे बच्चे आज चित्कार मार रहे हैं। जिस उम्र में बच्चों को बड़ों बुजुर्गों के गोद में प्यार और लाड मिलता है। वे बच्चे आज खून से लथपथ वेंटीलेटर पर मौत का इंतजार कर रहे हैं। एक हफ्ते पहले रूस ने यूक्रेन के सबसे बड़े चिल्ड्रन हॉस्पिटल में मिसाइल अटैक किया था। मिसाइल अटैक के बाद से वहां भर्ती बच्चे कैंसर से जूझ रहे हैं। हॉस्पिटल भी तबाह हो गया है।
बमबारी में तबाह हुआ अस्पताल
यूक्रेन में बच्चों के सबसे बड़े अस्पताल पर इस सप्ताह रूस के मिसाइल हमले के बाद कैंसर से जूझ रहे कई चिल्ड्रेन पेशेंट मरीजों को वहां से निकालना पड़ा। अब इससे कीव के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान पर दबाव बढ़ गया है। यूक्रेन की राजधानी कीव में चार महीनों में रूस की सबसे भारी बमबारी के कारण सोमवार को ओखमादित चिल्ड्रंस हॉस्पिटल बुरी तरह तबाह हो गया जिससे पहले से ही जानलेवा बीमारियों से जूझ रहे बच्चों पर गंभीर असर पड़ा है तथा उनके परिवार डर के साये में जी रहे हैं।
धमाकों के बीच इलाज
अब, कुछ परिवारों के सामने संकट खड़ा हो गया है कि वे अपने बच्चे का इलाज कहां कराएं। उक्साना हलाक को अपने दो वर्षीय बेटे दिमित्रो के एक प्रकार के कैंसर से ग्रसित होने का जून की शुरुआत में ही पता चला। उसने तुरंत अपने बेटे का ओखमादित अस्पताल में इलाज कराने का फैसला किया क्योंकि यह यूरोप के सबसे अच्छे अस्पतालों में से एक है। वह और दिमित्रो अस्पताल में मौजूद थे जब शहर में साइरन बजे। पहले धमाकों के बाद नर्स ने उन्हें एक दूसरे कमरे में ले जाने में मदद की।
मरीजों का दबाव बढ़ा
इसके बाद उन्हें राष्ट्रीय कैंसर संस्थान ले जाया गया और अब दिमित्रो उन 31 मरीजों में से एक है जिन्हें कैंसर से मुश्किल जंग के बीच एक नए अस्पताल में इलाज कराना पड़ेगा। ओखमादित के बंद होने के बाद शहर में अन्य अस्पतालों पर भी मरीजों का दबाव बढ़ गया है। हमले के वक्त ओखमादित में सैकड़ों बच्चों का उपचार हो रहा था। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के महानिदेशक ओलेना येफीमेंको ने कहा कि तबाह ओखमादित पूरे देश की पीड़ा है।