चीन के साथ भारत के संबंधों के बारे में निचले सदन में जानकारी देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर
नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे सप्ताह में भारत और चीन के संबंधों पर चर्चा की गई। इन दोनों देशों के संबंधों में कितना विस्तार हुआ है, इस पर आज विदेश मंत्री एस जयशंकर ने निचले सदन में जानकारी दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर 18 मिनट 32 सेकंड का वीडिया शेयर किया। कैप्शन में उन्होंने लिखा कि चीन के साथ भारत के संबंधों में हालिया घटनाक्रम के बारे में लोक सभा में मेरा वक्तव्य।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सदन में कहा, कुछ सप्ताह पहले चीन के साथ तनाव कम करने के लिए हुए समझौते के बारे में मंगलवार को लोकसभा को सूचित किया गया। जिसमें इस सरकार का रुख स्पष्ट है कि बीजिंग के साथ संबंधों के विकास के लिए सीमा पर शांति जरूरी है।
2020 से असामान्य रहे स्थिति
एस जयशंकर ने निचले सदन में भारत-चीन संबंधों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और गलवान घाटी की झड़प के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। कहा कि भारत और चीन के संबंध 2020 से असामान्य रहे। जब चीन की कार्रवाइयों की वजह से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति भंग हुई थी।
एस जयशंकर का X पर पोस्ट
My statement in Lok Sabha regarding ‘recent developments in India’s relations with China’. https://t.co/ARbqpArKPv — Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) December 3, 2024
भारत-चीन संबंध सुधार की दिशा में
जयशंकर ने कहा कि सतत कूटनीतिक साझेदारी को दर्शाने वाले हालिया घटनाक्रम ने भारत-चीन संबंधों को कुछ सुधार की दिशा में बढ़ाया है। उनका कहना था कि हम चीन के साथ इस दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि सीमा मुद्दे पर समाधान के लिए निष्पक्ष और परस्पर स्वीकार्य रूपरेखा पर पहुंचें। उनके मुताबिक, तनाव को कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयास किए गए ताकि शांति बहाल की जा सके।
सीमा तनाव से संबंध नहीं रह सकते सामान्य
जयशंकर ने कहा कि बुनियादी प्राथमिकता थी कि टकराव वाले बिंदुओं से सुरक्षा बल पीछे हटें और इसमें सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि हम इसे लेकर सुस्पष्ट हैं कि सीमा पर शांति की बहाली ही संपूर्ण संबंधों को आगे बढ़ाने का आधार होगा। विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर इस तरह के तनाव के चलते चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं रह सकते थे।
2020 में भारत- चीन रिश्ता निचले स्तर पर
भारत और चीन इस साल अक्टूबर में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त के लिए एक समझौते पर सहमत हुए थे। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे। यह झड़प पिछले कुछ दशकों में दोनों पक्षों के बीच हुई सबसे भीषण सैन्य झड़प थी।