कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी
दोहा: इजरायल और हमास के बीच एक साल से ज्यादा समय से युद्ध जारी है। संघर्ष विराम और बंधकों को रिहा कराने के लिए अभी तक कतर आगे था। लेकिन अब कतर बातचीत में मध्यस्थता निभाने से कतर ने किनारा कर लिया।
कतर का कहना है कि वह तब अपना काम फिर से शुरू करेगा। जब इजरायल और हमास बातचीत के लिए अपनी इच्छाएं जाहिर करेंगे। अन्यथा वह मध्यस्थता के लिए आगे नहीं आएगा।
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कतर ने यह फैसला ऐसे समय पर लिया है जब अमेरिका कतर में हमास के प्रतिनिधियों की मौजूदगी को ठुकरा दिया। हमास के अधिकारियों ने कथित तौर पर कहा कि अमेरिका अब कतर में हमास के प्रतिनिधियों की मौजूदगी को स्वीकार नहीं करेगा।
अमेरिका का हमास पर आरोप
अमेरिका ने आरोप लगाया कि गाजा में चल रहे युद्ध को खत्म करने के ताजा प्रस्तावों को हमास ने ठुकराया है। वहीं कतर ने कहा कि उसने मध्यस्थ की भूमिका से अपने आप को अलग कर लिया है। साथ ही यह भी कहा कि दोहा में हमास का राजनीतिक कार्यालय अब अपने उद्देश्य को पूरा नहीं कर रहा है जो कि सरसर गलत है।
कतर ने खुद को किया अलग
कतर के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया था। जिसमें उसने कहा कि कतर ने किसी समझौते पर पहुंचने के अंतिम प्रयासों के रूप में 10 दिन पहले सभी पक्षों को सूचना दी थी। वो ये कि अगर बातचीत के इस दौर में कोई समझौता नहीं हुआ तो वह इजरायल और हमास के बीच मध्यस्थता की भूमिका से खुद को अलग कर लेगा।
दोहा में चल रहा हमास का कार्यालय
कतर शर्त रखा कि वो अपने प्रयासों को फिर से शुरू करेगा, जब सभी पक्ष इस युद्ध को समाप्त करने को लेकर अपनी इच्छा और गंभीरता दिखाएंगे। फिलहाल सूत्रों की हवाले से जो खबर सामने आ रही है वो ये है कि ओबामा प्रशासन के अनुरोध के बाद कतर की राजधानी में हमास का राजनीतिक कार्यालय साल 2012 से चल रहा है।
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बता दें कि न्यूज एजेंसियां ने खबर चलाई कि कतर ने अमेरिका के साथ मिलकर हमास को दोहा में अपना राजनीतिक कार्यालय बंद करने के लिए कहने पर सहमति जताई है। क्योंकि उसने सद्भाव के साथ समझौते पर बातचीत करने से इनकार कर दिया है। लेकिन कतर के विदेश मंत्रालय ने इन खबरों का खंडन किया। इसे गलत बताया। वहीं हमास के अधिकारियों ने भी इस दावे को खारिज किया।