जेलेंस्की को लगा तगड़ा झटका, फोटो ( सो. सोशल मीडिया)
इस्तांबुल: रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से जारी युद्ध खत्म कब होगा, यह कोई नहीं जानता। पूरी दुनिया शांति स्थापित करने की कोशिशों में लगी है। यह अच्छी बात है कि अब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की बातचीत के लिए तैयार हैं। यह पहली बार है जब युद्ध के बाद दोनों नेता आमने-सामने बैठकर शांति के समाधान खोजने वाले थे। लेकिन अब इसमें फिर बाधा आ गई है। तुर्की में होने वाली रूस-यूक्रेन शांति वार्ता में पुतिन शामिल नहीं होंगे। यह उस वक्त की बात है जब जेलेंस्की ने कहा था कि वह इस्तांबुल में पुतिन का आखिरी समय तक इंतजार करेंगे।
15 मई यानी आज रूस और यूक्रेन के बीच इस्तांबुल में शांति वार्ता होने वाली है। लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने स्पष्ट कर दिया है कि वह खुद इस वार्ता में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने उन अधिकारियों के नाम भी घोषित कर दिए हैं जो आज तुर्की में यूक्रेन के साथ शुरू होने वाली नई बातचीत में रूस की ओर से प्रतिनिधित्व करेंगे।
क्रेमलिन के करीबी सहयोगी व्लादिमीर मेडिंस्की रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। उनके साथ उप विदेश मंत्री मिखाइल गालुज़िन, उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन, और रूसी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ की मुख्य खुफिया इकाई के प्रमुख इगोर कोस्त्युकोव भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल होंगे। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वार्ता में सहयोग के लिए विशेषज्ञों की एक टीम भी नियुक्त की है, जिसमें शामिल हैं। अलेक्जेंडर जोरिन (जनरल स्टाफ के सूचना विभाग के पहले उप प्रमुख), येलेना पोडोब्रेवस्काया (राष्ट्रपति के मानवीय नीति निदेशालय की उप प्रमुख), एलेक्सी पोलिशचुक (विदेश मंत्रालय के दूसरे सीआईएस विभाग के निदेशक), और विक्टर शेवत्सोव (रक्षा मंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय सैन्य सहयोग निदेशालय के उप प्रमुख)।
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रूस ने कन्फर्म किया है कि यूक्रेन के साथ बातचीत गुरुवार को इस्तांबुल में फिर से शुरू होगी. इस्तांबुल जा रहा रूसी प्रतिनिधिमंडल तकनीकी और राजनीतिक दोनों मुद्दों पर चर्चा करेगा। यहां बताना जरूरी है कि खुद रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने 11 मई को सीधी बातचीत फिर से शुरू करने के लिए औपचारिक रूप से यूक्रेन को बिना शर्त न्योता दिया था।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने पहले कहा था कि यूक्रेन यह देख रहा है कि रूस तुर्की में प्रस्तावित वार्ता के लिए किस प्रतिनिधि को भेजता है, और उसी के आधार पर वह अपना अगला कदम तय करेगा। उन्होंने रूस की मंशा पर संदेह जताया और मॉस्को की हालिया बातों को अविश्वसनीय बताया। साथ ही, जेलेंस्की ने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बातचीत में शामिल हो सकते हैं। उनका मानना है कि ट्रंप की उपस्थिति वार्ता के लिए एक मजबूत आधार बन सकती है। फिलहाल, यूक्रेन की ओर से किसी प्रतिनिधि का नाम तय नहीं किया गया है और यह भी स्पष्ट नहीं है कि पुतिन के ऐलान के बाद जेलेंस्की खुद इस वार्ता में भाग लेंगे या नहीं।
जेलेंस्की ने यह भी कहा था कि हिंसा को लंबा खींचने का कोई औचित्य नहीं है और वे गुरुवार को तुर्किये में पुतिन से आमने-सामने मिलने के लिए तैयार हैं। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि इस बार रूस कोई नया बहाना नहीं बनाएगा। लेकिन अब रूस की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सीधे वार्ता में शामिल नहीं होंगे। उनकी जगह रूसी प्रतिनिधिमंडल बातचीत में हिस्सा लेगा।