रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (सोर्स- सोशल मीडिया)
Western Media Propaganda On Putin: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के भारत दौरे से पहले, पश्चिमी मीडिया एक बार फिर उनके खिलाफ प्रोपेगेंडा वॉर में एक्टिव हो गई है। पुतिन की छवि खराब करने के लिए अपुष्ट सूत्रों के हवाले से तरह-तरह की झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं। कभी उनके बॉडी डबल की बात होती है, तो कभी उनके गंभीर रूप से बीमार होने की, जो दशकों से पश्चिमी मीडिया का एक पुराना शगल बन चुका है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन जब भी मॉस्को से बाहर कदम रखते हैं, खासकर भारत जैसे महत्वपूर्ण देश का दौरा करते हैं, तो पश्चिमी मीडिया उनके खिलाफ एक प्रोपेगेंडा अभियान शुरू कर देती है। उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए कहानियां गढ़ी जाती हैं और झूठ का बाजार गर्म कर दिया जाता है। रूसी रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुतिन के विदेश दौरे का शेड्यूल पता चलते ही यह अभियान एक्टिव हो जाता है।
पुतिन को लेकर फैलाई जाने वाली अफवाहों की लिस्ट लंबी है, लेकिन कुछ कहानियां बार-बार दोहराई जाती हैं, जिन्हें ‘नई बोतल में पुरानी शराब’ की तरह परोसा जाता है-
01. बॉडी डबल का इस्तेमाल: यह सबसे पुरानी अफवाह है कि पुतिन अपने सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए बॉडी डबल (हमशक्ल) का इस्तेमाल करते हैं।
02. गंभीर बीमारी: उन्हें पार्किंसन या कैंसर जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारी से पीड़ित बताया जाता है, जबकि उनके सार्वजनिक उपस्थितियों में ऐसा कोई संकेत नहीं मिलता।
03. मौत की खबर: समय-समय पर उनकी मौत की झूठी खबरें तक फैला दी जाती हैं, जिसमें दावा किया जाता है कि कोई और व्यक्ति पुतिन बनकर देश चला रहा है।
04. हत्यारा और विरोधी: उन्हें एक ‘हत्यारा’ बताया जाता है जो अपने राजनीतिक विरोधियों को मरवा देते हैं।
पुतिन की नीतियों को लेकर भी पश्चिमी मीडिया में कई मिथक प्रचारित किए जाते हैं-
05. ताकतवर तानाशाह: वेस्टर्न मीडिया उन्हें स्वभाव से ही तानाशाह और अलोकतांत्रिक बताती है।
06. सोवियत संघ की चाह: यह अफवाह फैलाई जाती है कि पुतिन रूस को फिर से सोवियत संघ बनाना चाहते हैं, जिसके लिए वह साम्राज्यवादी नीति अपना रहे हैं।
07. कब्जे की चाह: इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि वह यूक्रेन युद्ध के बहाने पूर्व सोवियत क्षेत्रों पर कब्जा करके अपना साम्राज्य बढ़ाना चाहते हैं। हालांकि, द गार्जियन और फॉरेन अफेयर्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों ने इस धारणा को एक मिथक बताया है।
08. परमाणु युद्ध का खतरा: एक लंबी अफवाह यह है कि पुतिन दुनिया को न्यूक्लियर युद्ध की तरफ धकेलना चाहते हैं।
09. आतंकियों का समर्थन: यह भी कहा जाता है कि जब पुतिन रूसी जासूसी एजेंसी KGB में थे, तो वह कथित तौर पर आतंकियों का समर्थन करते थे।
10. निजी जिंदगी पर ध्यान: उनकी गर्लफ्रेंड और पारिवारिक सदस्यों के नाम बताकर उनकी निजी जिंदगी में झांकने और उन्हें निशाना बनाने की कोशिशें भी होती हैं।
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ऐसी फेक न्यूज को बड़े पैमाने पर प्रचारित करने के बावजूद, पुतिन इन अफवाहों से बेफिक्र होकर अपने अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम जारी रखते हैं, जो उनके दृढ़ संकल्प को दिखाता है।