शौकत नवाज मीर (फोटो- सोशल मीडिया)
Tension in PoK: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में लोगों का गुस्सा और विरोध बढ़ गया है। नीलम वैली की पब्लिक एक्शन कमेटी के नेता शौकत नवाज मीर ने कहा कि लोग कई सालों से स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़कों और साफ पानी जैसी जरूरी सुविधाओं के लिए लड़ रहे हैं। शौकत नवाज मीर ने इलाके को पूरी तरह बंद करने का ऐलान किया है।
मीर ने कहा कि जनता अब बहुत परेशान हो चुकी है क्योंकि सरकार ने लंबे समय से उनकी मांगें नहीं पूरी कीं, और सरकारी पैसे भ्रष्टाचार और रिश्वत में खर्च हो रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा वो पीओके पर अधिकार जामते है लेकिन उसकी तरक्की के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाते।
मीर की इस अपील के बाद पीओके में तनाव बढ़ गया है। स्थानीय प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बल प्रयोग की धमकी दी है। मीर ने कहा कि यह हड़ताल सरकारी लापरवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक जोरदार विरोध है। उन्होंने बताया कि लोग स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क और साफ पानी जैसी जरूरी सुविधाओं से वंचित हैं, जबकि सरकारी पैसे गलत जगह खर्च हो रहे हैं।
انٹرنیٹ کی بندش کی وجہ سے کشمیری نوجوان بے روزگار ہو چکے ہیں ہمارے پڑھے لکھے نوجوان کا کام ہی آن لائن ہے ڈھائی سال سے ہم اس مطالبے پر عملدرآمد چاہتے ہیں کہ انٹرنیٹ سروسز بہتر کی جائیں اب ان کمپنیوں کا کاروبار کشمیر میں نہیں چلنے دیں گے۔
کشمیری رہنما شوکت نواز میر pic.twitter.com/ouwf6P5RQ0 — PTI Lodhran (@LodhranPTI) September 28, 2025
सरकार की धमकी ने स्थिति और बिगाड़ दी है, जिससे लोगों का गुस्सा और बढ़ गया है। स्थानीय वकीलों ने पब्लिक एक्शन कमेटी का पूरा समर्थन किया है और कहा है कि हड़ताल उनका लोकतांत्रिक अधिकार है। उन्होंने सरकार से कहा है कि बल प्रयोग न करे, बल्कि लोगों की समस्याएं हल करे। मुफ्तीराबाद के एक वरिष्ठ वकील ने कहा कि लोगों की मांगें पूरी होनी चाहिए, उन्हें दबाया नहीं जाना चाहिए।
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रिपोर्ट्स के अनुसार, पूरे पीओके में हड़ताल की वजह से आम जिंदगी थम सकती है। दुकानें, बाजार और ट्रांसपोर्ट बंद रहेंगे। लोगों का मानना है कि अगर पाकिस्तान सरकार बल प्रयोग करती है, तो स्थिति और खराब होगी और अशांति फैल सकती है। कई लोग सरकार के सख्त रवैये को असहमति दबाने की कोशिश समझ रहे हैं।
कई जिलों की पब्लिक एक्शन कमेटियां भ्रष्टाचार खत्म करने, पारदर्शी फंड वितरण और स्थानीय शासन में सुधार की मांगों को लेकर लोगों को एकजुट कर रही हैं। इस वजह से पीओके में सरकार और जनता के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है और सबकी नजरें इस पर टिकी हैं।