प्रमिला जयपाल (सोर्स- सोशल मीडिया)
US India Trade Relations 2025: अमेरिका ने कई देशों पर भारी टैरिफ (कर) लगाए हैं, जिसमें भारत भी शामिल है। इस टैरिफ के कारण दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है और इससे निपटने के लिए अमेरिका और भारत लगातार बातचीत कर रहे हैं, लेकिन फिलहाल कोई ठोस परिणाम नहीं आया है। इस बीच, अमेरिका के कई राजनेता, विशेषकर डोनाल्ड ट्रंप के विरोधी, भारत पर लगाए गए टैरिफ को लेकर नाराज हैं।
प्रमिला जयपाल ने कहा कि ये टैरिफ भारत और अमेरिका-दोनों के लिए नुकसानदायक हैं। उनके अनुसार, इससे भारत की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है और साथ ही अमेरिकी व्यवसायों और उपभोक्ताओं को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने वाशिंगटन स्टेट की एक पुरानी, पारिवारिक कंपनी का उदाहरण दिया, जो भारत से कृषि उत्पाद आयात करती है। यह कंपनी 120 सालों से काम कर रही है, लेकिन अब टैरिफ की वजह से उनका खर्च बहुत बढ़ गया है।
जयपाल ने बताया कि कंपनी के मालिकों का कहना है कि वे मजबूर होकर या तो अपना उत्पादन कम करने या इसे किसी और देश में भेजने की सोच रहे हैं, क्योंकि बढ़ी हुई लागत संभालना उनके लिए मुश्किल हो रहा है। प्रमिला के अलावा डोनाल्ड ट्रंप की विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद सिडनी कामगार-डोव ने भी इन टैरिफ का विरोध किया।
उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन की नीतियों ने भारत-अमेरिका संबंधों को कमजोर कर दिया है, जबकि पिछले कई दशकों में इन रिश्तों को मजबूत करने के लिए काफी मेहनत की गई थी। उनके अनुसार, 50% शुल्क लगाना भारत को अलग-थलग करने जैसा कदम है। उन्होंने रूस से तेल आयात पर लगाए गए 25% टैरिफ को भी गलत बताया और कहा कि यह भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा है, जबकि अमेरिका में कुछ लोग खुद रूस के साथ गुप्त सौदों की कोशिश कर रहे हैं।
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कामगार ने H-1B वीजा पर 100,000 डॉलर की भारी फीस का भी विरोध किया। उनका कहना है कि इससे भारतीय पेशेवरों पर बड़ा असर पड़ेगा, जबकि इन्हीं पेशेवरों ने विज्ञान, तकनीक, चिकित्सा और कला जैसे क्षेत्रों में अमेरिका को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उन्होंने चेतावनी दी कि गलत नीतियां भारत जैसे भरोसेमंद साझेदार को दूर कर सकती हैं, और इसका फायदा चीन और रूस जैसे देशों को मिल सकता है।