By: Preeti Sharma
NavBharat Live Desk
अमेरिका में एच-1बी वीजा एक अस्थायी अमेरिकी वर्किंग वीजा है।
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यह कंपनियों को विदेशी प्रोफेशनल्स को नियुक्त करने की इजाजत देता है।
यह 1990 में उन लोगों के लिए बनाया था जिनके पास साइंस, टेक्नोलॉजी आदि की डिग्री।
बाहर से आने वाले लोगों को कुछ सेक्टर्स में वर्किंग वीजा के तहत नौकरियां दी जाती है।
अभी तक ए-1बी वीजा के लिए 1-8 लाख रुपए तक की सालाना फीस चुकानी पड़ती थी।
लेकिन अब इस फीस को बढ़ा दिया गया है जिसका असर भारतीयों पर भी पड़ेगा।
नए वीजा एप्लीकेशन के साथ अब 1 लाख डॉलर यानी 88 लाख रुपए से भी ज्यादा फीस देनी होगी।
नई फीस से कंपनियों का खर्च बढ़ेगा जिससे अमेरिका में नौकरी पाने में मुश्किलें आ सकती है।