पाक पीएम और सेना प्रमुख। इमेज प्रतीकात्मक, एआई
Shehbaz Sharif and Aasim Munir: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में विशेष सहायक बिलाल बिन साकिब को अचानक पद से हटा दिया है। बिलाल बिन को सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर का बेहद करीबी माना जाता है। जनरल मुनीर ने ही उन्हें पीएमओ में रखवाया था। बिलाल क्रिप्टोकरेंसी के बहुत बड़े कारोबारी हैं। उनकी अमेरिकी सरकार में गहरी पहुंच है। उन्होंने अमेरिका के व्हाइट हाउस में जनरल मुनीर की एंट्री कराने में अहम भूमिका निभाई थी। बिलाल के हटाए जाने को जनरल मुनीर के लिए बड़ा झटका माना जा रहा।
पाकिस्तानी मीडिया में चर्चा है कि नवाज शरीफ और शहबाज शरीफ ने जनरल मुनीर के साथ बड़ा खेल खेला है। जनरल मुनीर इंतजार कर रहे थे, लेकिन उन्हें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी CDF बनाने वाला नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। जनरल मुनीर का सेना प्रमुख के रूप में कार्यकाल 29 नवंबर को पूरा हो चुका है। उसी दिन CDF पद के लिए नोटिफिकेशन आने की उम्मीद थी। मगर, 5 दिनों से सस्पेंस बना है। बिलाल बिन साकिब के इस्तीफे की टाइमिंग और नोटिफिकेशन न आने से साफ हो रहा कि शरीफ भाइयों और जनरल मुनीर के बीच तनाव काफी बढ़ चुका है। पाकिस्तानी मीडिया में इसकी खूब चर्चा हो रही।
नवाज शरीफ और शहबाज शरीफ किसी भी हाल में जनरल मुनीर को तानाशाह बनने से रोकना चाहते हैं। जैसे ही बिलाल की विदाई की खबर आई पूरे पाकिस्तान में हलचल मच गई। इस साल शहबाज सरकार ने बिलाल बिन साकिब को धूमधाम से पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल का प्रमुख बनाया था। उन्हें प्रधानमंत्री का विशेष सलाहकार नियुक्त कर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था। इसके बाद बिलाल बिन ने पाकिस्तान में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी लोगों को बुलाया। लाहौर में क्रिप्टो कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई थी, जिसमें ट्रंप के गोल्फ साथी स्टीव विटकॉफ के बेटे और डोनाल्ड ट्रंप के बेटे एरिक ट्रंप की कंपनी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल के अधिकारियों को आमंत्रित किया गया था।
पाकिस्तान में हुए कार्यक्रम के बाद बिलाल बिन साकिब लास वेगास में बिटकॉइन कॉन्फ्रेंस में पहुंचे थे, जहां ट्रंप के दोनों बेटे और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भी शामिल हुए। इस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप परिवार को प्रभावित करने के लिए बिलाल ने राष्ट्रपति ट्रंप की तारीफ की। इसका असर भी दिखा, क्योंकि सितंबर में जनरल मुनीर और शहबाज शरीफ को ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मेजबानी दी थी। अचानक बिलाल बिन साकिब को बर्खास्त किए जाने से पाकिस्तान में सवाल उठ रहे कि आखिर उन्हें ऐसे क्यों हटाया गया, लेकिन शहबाज सरकार ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है।
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ऑपरेशन सिंदूर में भारत से हारने के बाद जनरल आसिम मुनीर ने बिलाल बिन साकिब को ट्रंप की खुशामद में लगा दिया था। उस समय जनरल मुनीर पूरी ताकत से ट्रंप की चापलूसी कर रहे थे, ताकि ट्रंप की मदद से खुद को बचाया जा सके। चूंकि राष्ट्रपति ट्रंप क्रिप्टोकरेंसी के बड़े प्रशंसक और उनके दोनों बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर और एरिक ट्रंप क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार में हैं, इसलिए जनरल मुनीर ने ट्रंप के इस शौक का फायदा उठाने के लिए बिलाल बिन साकिब को शहबाज शरीफ का सलाहकार बनवाया था। इससे वे ट्रंप के बेटों और उनके दोस्त स्टीव विटकॉफ के जरिए ट्रंप के करीबी घेरे में घुस सके।