पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल मुनीर
क्वेटा: बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में लगातार हो रहे चरमपंथी हमलों से पाकिस्तानी सेना की हालत बद से बदतर हो गई है। इसी बीच रावलपिंडी में हुई कोर कमांडर्स की बैठक में आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने हालात से निपटने के लिए ‘पूरी ताकत’ से जवाब देने की बात कही। उन्होंने दावा किया कि किसी को भी बलूचिस्तान में अशांति फैलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी और विदेशी ताकतों के समर्थन से चल रहे प्रॉक्सी ऑपरेशनों को पूरी तरह कुचल दिया जाएगा। इस बैठक में कश्मीर को लेकर भी पाकिस्तान का पुराना राग दोहराया गया।
पाकिस्तानी सेना के जनरल मुनीर का यह बयान उस समय आया है जब बलूचिस्तान और केपी में सेना पर हमलों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। जनवरी 2025 के आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में 42 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है। इनमें सबसे ज्यादा हमले खैबर पख्तूनख्वा और फिर बलूचिस्तान में हुए हैं।
पाकिस्तानी थिंक टैंक के अनुसार, हथियारबंद विद्रोही गुटों के हमले अब सीधे सेना को निशाना बना रहे हैं, जिससे सुरक्षा तंत्र में भारी चिंता है। इस बैठक में जनरल मुनीर ने साफ कहा कि आतंकवादियों और उनके समर्थकों को पाकिस्तान में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने विदेशी ताकतों पर भी हमलों को हवा देने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि पाकिस्तान की एकता को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कश्मीर के मुद्दे पर भी बैठक में बयानबाजी हुई। जनरल मुनीर ने नियंत्रण रेखा पर हुई गोलीबारी का दोष भारत पर डालते हुए पाकिस्तान के कश्मीर पर पुराने रुख को दोहराया। हालांकि, इस दौरान भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिशों और उनमें मारे गए पाकिस्तानी सैनिकों पर चुप्पी साध ली गई। बता दें कि पाकिस्तानी आर्मी के चीफ ने देश में बढ़ती हिंसा को लेकर घरेलू व विदेशी ताकतों के बीच गठजोड़ को इसीक वजह बताया। वहीं इसी दौरान जनरल मुनीर पाकिस्तान का पुराना कश्मीर वाला रोना रोने से नहीं चुके।
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जनरल मुनीर के इस आक्रामक रुख से साफ है कि पाकिस्तानी सेना आंतरिक अस्थिरता से जूझ रही है और लगातार कमजोर होती पकड़ को बलपूर्वक बनाए रखने की कोशिश कर रही है।