सांकेतिक एआई, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, जिसके जवाब में भारत ने 6 और 7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर चलाया। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान के पंजाब और कश्मीर इलाके में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर उन्हें ध्वस्त कर दिया। हालांकि, पाकिस्तान ने इसके बाद लगातार यह दावा किया कि भारत ने झूठे आरोप लगाकर उसकी सीमा में घुसपैठ की और उसकी जमीन पर कोई आतंकी कैंप नहीं है।
लेकिन, ऑपरेशन सिंदूर के महज दो महीने के अंदर ही पाकिस्तान ने अपना असली रंग दिखा दिया। भारत द्वारा नष्ट किए गए उन्हीं आतंकी ठिकानों की मरम्मत का काम पाकिस्तान ने फिर से शुरू कर दिया है, जिससे साबित होता है कि वहां आतंकी गतिविधियां जारी हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान भारतीय सैन्य कार्रवाई में नष्ट हुए आतंकवादी लॉन्चपैड और प्रशिक्षण शिविरों को फिर से बना रहा है। रिपोर्ट में शीर्ष खुफिया सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है। पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और सरकार के पूर्ण समर्थन से इन आतंकी ठिकानों का वापस बनाने का काम किया जा रहा है, विशेष रूप से पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में इन गतिविधियों को तेजी से अंजाम दिया जा रहा है।
पाकिस्तान, नियंत्रण रेखा (एलओसी) के नजदीक घने जंगलों में छोटे लेकिन उन्नत तकनीक से लैस आतंकी ठिकाने बना रहा है। ये ठिकाने थर्मल, रडार और सैटेलाइट सिस्टम्स की निगरानी से बचने में सक्षम हैं। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मिलने वाली वित्तीय सहायता का गलत इस्तेमाल करते हुए इन फंड्स को आतंकी कैंपों के निर्माण और मरम्मत पर खर्च कर रहा है।
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पुराने ठिकानों जैसे लूणी, पुतवाल, टीपू पोस्ट, जमील पोस्ट, उमरानवाली, चापरार फरवर्ड, छोटा चक और जांगलोरा की मरम्मत की जा रही है। वहीं, नए ठिकाने केल, सरदी, दुधनियाल, अथमुकाम, जुरा, लिपा, पचीबन, काहुटा, कोटली, खुइरट्टा, मंढार, निकाईल, चमनकोट और जानकोट जैसी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जगहों पर बनाए जा रहे हैं। इन्हें जानबूझकर घने जंगलों में बनाया जा रहा है ताकि उन्हें पहचानना मुश्किल हो।