तहरीक-ए-लब्बैक की ताकत से खौफ में शरीफ सरकार, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Tehreek-e-Labbaik Pakistan Protest: पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद और रावलपिंडी में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद कर दी हैं। यह कदम कट्टरपंथी इस्लामी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर उठाया गया है। TLP ने शुक्रवार को लब्बैक या अक्सा मिलियन मार्च आयोजित करने का आह्वान किया है। इस मार्च को देखते हुए राजधानी के मुख्य प्रवेश और निकास मार्गों को भी सील कर दिया गया है। इस प्रदर्शन को देखकर सरकार की नींद उड़ गई है।
लाहौर में सुरक्षा बल पूरी तरह तैनात हैं लेकिन शहर में कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी के सदस्यों और सुरक्षा अधिकारियों के बीच झड़पें हुई जिसमें कई लोग घायल हुए हैं। इसके पीछे टीएलपी का शुक्रवार को इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास के बाहर इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान है। इस घोषणा को देखते हुए पंजाब पुलिस ने लाहौर में टीएलपी मुख्यालय पर छापा मारकर पार्टी के प्रमुख साद हुसैन रिजवी को गिरफ्तार करने की कोशिश की। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद शहर में हिंसा फैल गई।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कई घंटे तक चले संघर्ष में 5 पुलिसकर्मी और टीएलपी के कई कार्यकर्ता घायल हो गए। वहीं, टीएलपी का दावा है कि पुलिस के साथ हुई झड़पों में उनके एक कार्यकर्ता की मौत हो गई और 20 लोग घायल हुए। अधिकारियों के अनुसार, पुलिस टीएलपी प्रमुख के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट लागू करने के लिए लाहौर में यतीम खाना स्थित पार्टी मुख्यालय में छापा मार रही थी तभी वहां पुलिस पर हमला कर दिया गया।
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अधिकारियों के अनुसार, गुस्साए टीएलपी कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पत्थर फेंके और लोहे की छड़ों से हमला किया। मुख्यालय के आसपास बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं और इलाके में तनाव बना हुआ है। टीएलपी के प्रवक्ता का कहना है कि पंजाब सरकार, मरियम नवाज के नेतृत्व में लब्बैक या अक्सा मिलियन मार्च को रोकने के लिए अपमानजनक कदम उठा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि टीएलपी के कार्यकर्ताओं पर अत्याचार बंद होना चाहिए और फिलिस्तीन के समर्थन में खड़ा होना पाकिस्तान में अब अपराध माना जा रहा है।