पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ
इस्लामाबाद: भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को इस वर्ष यानी साल 2024 में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जो उसकी राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा और सामाजिक स्थिति को प्रभावित कर रही हैं। ये चुनौतियां देश के भीतर और बाहर दोनों जगहों से पैदा हो रही हैं।
पाकिस्तान को इस साल आर्थिक संकट से लेकर मंहगाई, विदेशी ऋण और भुगतान संतुलन संकट का सामना करना पड़ा। यही नहीं राजनीतिक अस्थरिता का भी सामना करना पड़ा। आइये एक नजर डालते हैं जिसकी वजह से पाकिस्तान के लिए ये साल चुनौतियों भरा रहा है।
1. आर्थिक संकट: पाकिस्तान का आर्थिक संकट 2024 में और ज्यादा गंभीर हो गया है। इसकी वजहें तो कई हैं, लेकिन हम तीन मुख्य वजहों पर चर्चा करेंगे।
महंगाई: पाकिस्तान में महंगाई की दर बहुत उच्च स्तर पर है, जिससे आम आदमी की जीवनशैली प्रभावित हो रही है। खाद्य वस्तुओं और ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि ने आर्थिक दबाव को बढ़ा दिया है।
विदेशी ऋण और भुगतान संतुलन संकट: पाकिस्तान पर भारी विदेशी कर्ज है और उसे इन्हें चुकाने में कठिनाई हो रही है। इसके कारण देश की मुद्रा यानी रुपया में गिरावट आई है और डॉलर के मुकाबले इसका मूल्य घटा है।
IMF से राहत पैकेज: पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से राहत पैकेज की आवश्यकता है, लेकिन इसका पालन करने के लिए वित्तीय सुधारों की आवश्यकता है, जो राजनीतिक रूप से संवेदनशील हैं।
2. राजनीतिक अस्थिरता: पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता और संघर्ष एक बड़ी चुनौती है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के नेता इमरान खान की गिरफ्तारी और उनकी पार्टी द्वारा विरोध प्रदर्शन, राजनीतिक ध्रुवीकरण, और न्यायपालिका के साथ संघर्ष ने देश में राजनीतिक असंतोष और विरोध को बढ़ावा दिया है। इस अस्थिरता ने सरकार की नीतियों को लागू करने में कठिनाई पैदा की है और देश के दीर्घकालिक विकास को प्रभावित किया है।
3. सुरक्षा और आतंकवाद: पाकिस्तान में आतंकवाद और उग्रवाद की समस्या 2024 में भी गंभीर बनी हुई है।
तालिबान का प्रभाव: अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद, पाकिस्तान में तालिबान समर्थक गुटों और आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी जा रही है। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान जैसे क्षेत्रों में आतंकवादी हमले बढ़े हैं।
तालिबान-समर्थक समूह: पाकिस्तान के अंदर आतंकवादी समूहों की बढ़ती गतिविधियाँ और सीमा पार आतंकवाद से निपटना एक गंभीर सुरक्षा चुनौती है।
4. संप्रभुता और सीमा सुरक्षा: पाकिस्तान को अपनी सीमा सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चुनौतियाँ हैं, विशेष रूप से भारत के साथ विवादित सीमा कश्मीर और अफगानिस्तान के साथ सीमा पर।
भारत-पाकिस्तान संबंध: भारत के साथ सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण बनी रहती है, खासकर कश्मीर मुद्दे को लेकर। पाकिस्तान को अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बनाए रखने के साथ-साथ आतंकवादियों के भारत में घुसपैठ को नियंत्रित करने की चुनौती भी है।
अफगानिस्तान के साथ सीमा सुरक्षा: अफगानिस्तान में तालिबान के नियंत्रण में आने के बाद, पाकिस्तान को अफगानिस्तान के साथ अपनी सीमा पर संघर्षों और उग्रवादियों के आने-जाने को लेकर चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
5. जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संकट:पाकिस्तान जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से प्रभावित होने वाले देशों में से एक है।
बाढ़ और सूखा: 2022 में पाकिस्तान में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई, और 2024 में भी जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसे खतरे बने रहने की संभावना है। सूखा और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं पाकिस्तान के कृषि क्षेत्र को प्रभावित करती हैं। खाद्य सुरक्षा संकट को बढ़ाती हैं।
जल संकट: पाकिस्तान में जल संकट भी गहरा होता जा रहा है। सिंधु नदी प्रणाली के आसपास जल के वितरण को लेकर भारत के साथ विवाद और देश के भीतर जल की कमी से कृषि और रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर असर पड़ता है।
6.सामाजिक असंतोष और जनसंख्या वृद्धि: पाकिस्तान की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है। इसके अलावा, बेरोजगारी, गरीबी और असमानता सामाजिक असंतोष को बढ़ाते हैं।
स्वास्थ्य और शिक्षा: पाकिस्तान में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है। ये क्षेत्र विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में कमजोर हैं, और इसके कारण समाज में असंतोष और विरोध बढ़ सकता है।
7.विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय संबंध: पाकिस्तान को अपनी विदेश नीति में कई कठनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ रिश्ते: पाकिस्तान के अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ रिश्ते कभी स्थिर नहीं रहते। 2024 में भी अमेरिका से जुड़े सुरक्षा और आर्थिक मुद्दे पाकिस्तान के लिए एक चुनौती बने हुए हैं।
चीन के साथ संबंध: पाकिस्तान और चीन के बीच रणनीतिक साझेदारी है। लेकिन इस रिश्ते में भी कुछ समस्याएं हैं, जैसे CPEC (China-Pakistan Economic Corridor) के प्रक्षेत्र में आर्थिक दबाव और सुरक्षा चिंताएं।
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बता दें कि 2024 में पाकिस्तान को कई आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जिनमें आर्थिक संकट, जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा की समस्या, राजनीतिक अस्थिरता और विदेशी रिश्तों की कठनाइयों शामिल हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए पाकिस्तान को सशक्त, समग्र और संतुलित रणनीतियों की आवश्यकता है, ताकि यह अपनी आंतरिक और वैश्विक स्थिति को सुधार सके।