पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार (सोर्स- सोशल मीडिया)
India Strikes Nur Khan Air Base: पाकिस्तानी सरकार ने मई 2025 में भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के एयर बेसों पर हुए हमलों के प्रभाव को स्वीकार किया। यह स्वीकारोक्ति भारतीय हमलों के बाद आई, जो 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थीं, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने पुष्टि की है।
डार ने कहा कि भारतीय ड्रोन ने रावलपिंडी के नूर खान एयर बेस पर हमला किया जिसमें सैन्य प्रतिष्ठान को नुकसान हुआ और वहां तैनात सैनिकों को चोटें आईं। डार ने दावा किया कि भारत ने 36 घंटे में कम से कम 80 ड्रोन पाकिस्तान की सीमा में भेजे, जिनमें से 79 को पाकिस्तानी बलों ने नष्ट कर दिया।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया। इसके बाद भारतीय हमलों ने पाकिस्तान के 11 एयर बेसों, जैसे नूर खान, सरगोधा, रफीकी, जैकोबाबाद और मुरीदके को भी टारगेट किया। इस ऑपरेशन की शुरुआत 7 मई को हुई थी। भारत के इन हमलों का उद्देश्य आतंकी गतिविधियों के जवाब में पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाना था।
पाकिस्तान के अधिकारियों ने नूर खान एयर बेस पर हमले की पुष्टि की। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने उन्हें 9-10 मई की रात हुए हमलों के बारे में जानकारी दी थी। डार के बयान के कुछ समय बाद, भारतीय सेना के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने पाकिस्तान के दावों को खारिज कर दिया, और कहा कि पाकिस्तान ने जो “मामूली क्षति” का जिक्र किया था वह वास्तविकता से कहीं कम था।
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पाकिस्तानी मीडिया में जारी किए गए वीडियो में नूर खान एयर बेस को आग की लपटों में दिखाया गया था, और इस हमले को पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठानों को भारी नुकसान का संकेत माना गया। मई के महीने में सैटेलाइट इमेजरी से यह भी स्पष्ट हुआ कि कई पाकिस्तानी एयर बेसों को नुकसान पहुंचा था, जिनमें नूर खान, सरगोधा, मुशफ, और जैकोबाबाद शामिल थे। 10 मई को पाकिस्तान ने यह स्वीकार किया कि भारतीय मिसाइलों और ड्रोन ने तीन प्रमुख एयर बेसों को निशाना बनाया था।