पाकिस्तान की यूएनएससी में हुई फजीहत, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
वांशिगटन: पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ उठाया गया एक और कदम उसी पर भारी पड़ गया। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां भी उसे फटकार झेलनी पड़ी। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए यूएनएससी ने इस मुद्दे पर बंद कमरे में चर्चा की, जिसमें सभी प्रतिनिधियों ने संयम रखने और संवाद के जरिए हल निकालने की बात कही। मई महीने के लिए सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहे यूनान ने पाकिस्तान के अनुरोध पर सोमवार को यह बैठक बुलाई थी।
पाकिस्तान इस समय यूएनएससी का अस्थायी सदस्य है। यह बैठक उस आतंकी हमले के कुछ ही दिनों बाद हुई, जिसमें पहलगाम में आतंकियों ने 26 लोगों की जान ले ली थी। इस हमले के बाद भारत में भारी जनाक्रोश देखा गया। सुरक्षा परिषद की यह बैठक करीब डेढ़ घंटे चली और इसे यूएनएससी के मुख्य कक्ष में नहीं, बल्कि बगल में स्थित परामर्श कक्ष में आयोजित किया गया।
पाकिस्तान द्वारा फॉल्स फ्लैग और न्यूक्लियर वॉर जैसे भड़काऊ बयानों को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देशों ने कड़ी आलोचना की है। सोमवार, 5 मई 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर विचार करने के लिए UNSC की एक बंद कमरे में बैठक हुई। इस बैठक में परिषद के सदस्य देशों ने पाकिस्तान से तीखे सवाल किए और लश्कर-ए-तैयबा की इस हमले में संभावित भूमिका पर भी गंभीर चिंताएं जताई गईं।
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कई सदस्यों का मानना है कि दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान लगातार मिसाइल परीक्षण कर रहा है और बार-बार परमाणु युद्ध से जुड़ी धमकियाँ देता है, जिससे हालात और बिगड़ रहे हैं।
सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया, लेकिन पाकिस्तान ने कहा कि उसके उद्देश्य काफी हद तक हासिल हो गए हैं। वर्तमान में पाकिस्तान 15 सदस्यीय प्रभावशाली सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है, और उसने परमाणु हथियारों से लैस पड़ोसी देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति पर बंद कमरे में चर्चा की मांग की थी। इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र के राजनीतिक व शांति स्थापना विभाग और शांति अभियानों विभाग में पश्चिम एशिया, एशिया और प्रशांत क्षेत्र के मामलों के सहायक महासचिव खालिद मोहम्मद खैरी ने परिषद को स्थिति की जानकारी दी। खैरी ट्यूनीशिया के निवासी हैं।
बैठक से बाहर निकलने के बाद खैरी ने कहा कि संघर्ष का हल बातचीत और शांतिपूर्ण उपायों से निकालने की अपील की गई है। उन्होंने बताया कि हालात काफी नाजुक और अस्थिर हैं। यूनाइटेड नेशंस में यूनान के स्थायी प्रतिनिधि और वर्तमान सुरक्षा परिषद अध्यक्ष राजदूत इवेंजेलोस सेकेरिस ने इस बैठक को महत्वपूर्ण और लाभकारी बताया। सेकेरिस ने पहले कहा था कि यह बैठक परिषद के सदस्यों को स्थिति पर अपने विचार रखने का अवसर देगी, जिससे तनाव कम करने में मदद मिल सकती है। बैठक के बाद रूस के एक राजनयिक ने भी आशा जताई कि इससे तनाव कम होगा।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने कहा कि बैठक में पाकिस्तान के उद्देश्यों को काफी हद तक हासिल किया गया। उन्होंने बताया कि बंद कमरे में हुई इस बैठक का मकसद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और बिगड़ते सुरक्षा हालात पर चर्चा करना था, ताकि समाधान के संभावित उपायों पर विचारों का आदान-प्रदान किया जा सके।