पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित (फोटो- सोशल मीडिया)
Flood in Pakistan: पाकिस्तान इस समय भयांकर बाढ़ का सामना कर रहा है। लेकिन इसके बाद भी वो भारत के खिलाफ बयानबाजी से बाज नहीं आ रहा है। जबकि भारत ने हाल ही में इंसानियत के नाम पर पाकिस्तान को आने वाले दिनों में बारिश की चेतावनी दी थी। जिसकी मदद से पाकिस्तान ने बाढ़ प्रभावित इलाकों लोगों को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया था। इसी बीच पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
बासित ने आरोप लगाया है कि भारत ने सिंधु जल संधि को एकतरफा स्थगित करते हुए पानी को “हथियार” के रूप में इस्तेमाल किया। उन्होंने दावा किया कि भारत ने जानबूझकर पानी रोककर रखा और फिर उसे अचानक भारी मात्रा में छोड़ दिया, जिससे पाकिस्तान में बाढ़ की स्थिति और भी गंभीर हो गई।
हालांकि, भारत ने दावा किया है कि उसने पाकिस्तान को नदियों के जलस्तर और संभावित बाढ़ की जानकारी पहले ही इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के जरिए दे दी थी। भारत का कहना है कि उसने मानवीय आधार पर यह सूचना साझा की, जिससे यह संदेश जाए कि वह संधि के मुद्दे पर सख्त रुख रखते हुए भी मानवीय मूल्यों को नहीं भूला है।
वहीं, पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि भारत की ओर से जो जानकारी दी थी वो पर्याप्त नहीं थी। इसे सिंधु जल संधि के तहत स्थायी सिंधु आयोग (PIC) के माध्यम से साझा नहीं किया गया। पाकिस्तान ने कहा कि भारत की ओर से भेजी गई सूचनाओं में केवल “उच्च बाढ़” जैसी सामान्य चेतावनियां थीं, जिनसे न तो बाढ़ की सटीक मात्रा का अनुमान लगाया जा सका और न ही समय का।
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पाकिस्तान के पंजाब प्रांत नारोवाल जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां हजारों लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। पाकिस्तान के योजना मंत्री और नारोवाल से सांसद अहसान इकबाल ने भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और भारत पर इस संकट को और बढ़ाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि, अगर भारत की ओर से आधिक जानकारी मिलती तो सरकार बाढ़ का आकलन कर और उचित कदम उठा सकती थी।