बिलावल भुट्टो जरदारी, फोटो ( सो.सोशल मीडिया)
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी, जिन्होंने कुछ समय पहले तक भारत के खिलाफ तीखी बयानबाज़ी कर रहे थे, अब वह अपना रुख बदलते नजर आ रहे हैं। दुनिया भर से भारत को आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में समर्थन मिलने के बाद बिलावल ने भारत से बातचीत बढ़ाने की गुहार लगाई है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा है कि भारत और पाकिस्तान को आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए।
पाकिस्तानी नेता बिलावल का यह बयान ऐसे समय पर सामने आया है जब भारत ने हर मोर्चे पर पाकिस्तान को मात दे दी है। सिंधु जल समझौता रुकने के बाद से पाकिस्तान पानी की किल्लत से जूझ रहा है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों ने पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित पुलवामा आतंकी हमले की एकजुट होकर निंदा की है और भारत का समर्थन किया है। इसके बाद से पाकिस्तानी नेता एक नया नाटक रचने में जुटे हुए हैं।
बिलावल भुट्टो इस्लामाबाद स्थित पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट में “दुनिया के लिए आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की जंग” विषय पर बोल रहे थे। यह बात अपने आप में विडंबनापूर्ण है, क्योंकि पाकिस्तान का खुद आतंकवाद को पनाह देने का एक लंबा इतिहास रहा है। अपने भाषण में बिलावल भुट्टो ने भारत से पुराने मतभेदों को पीछे छोड़ने और रिश्तों में सुधार की बात कही। उन्होंने यह भी प्रस्ताव रखा कि भारत और पाकिस्तान को मिलकर आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रयास करने चाहिए।
भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ एक ऐतिहासिक सहयोग के लिए तैयार है ताकि दोनों देश मिलकर एक अरब लोगों को आतंक की चपेट से सुरक्षित रख सकें। उन्होंने ज़ोर दिया कि अब वक्त है जब दोनों पड़ोसी एक-दूसरे के खिलाफ नहीं, बल्कि एक साथ खड़े हों।
बिलावल भुट्टो ने इस दौरान भी अपनी पुरानी आदत नहीं छोड़ी और एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कश्मीर विवाद का समाधान दोनों देशों को वहां के लोगों की इच्छाओं के अनुरूप करना चाहिए। सिंधु जल समझौते पर बात करते हुए उन्होंने यह भी जोड़ा कि पानी का इस्तेमाल हथियार के तौर पर करना उचित नहीं है। इससे पहले भी बिलावल भारत को इस समझौते को लेकर कई बार चेतावनी दे चुके हैं।
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बिलावल भुट्टो ने इससे पहले पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर भारत ने सिंधु जल संधि का पालन नहीं किया, तो पाकिस्तान युद्ध के लिए तैयार है। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि पाकिस्तान भारत को उन तीन नदियों का पानी भी नहीं लेने देगा, जिन पर उसे अधिकार प्राप्त है। यह बयान उस समय आया था जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद को लेकर कड़ी चेतावनी दी थी और इसके जवाब में कई सख्त कदम उठाए थे, जिनमें सिंधु जल समझौते को स्थगित करना भी शामिल था।