पाकिस्तानी सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस (सोर्स- सोशल मीडिया)
Pakistan On Operation Sindoor: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया था। इस ऑपरेशन में 100 आतंकी मारे गए थे। जिसमें पुलवामा हमले से जुड़े यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद शामिल थे। इसी बीच अब पाकिस्तान का झूठ दुनिया के सामने भी आ गया है।
दरअसल, रविवार देर रात पाकिस्तान की नौसेना, वायुसेना और सेना के अधिकारियों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें कई बड़े खुलासे हुए। उन्होंने माना है कि भारत के साथ झड़प में उसका एक विमान क्षतिग्रस्त हुआ है। हालांकि, पाकिस्तान ने यह जानकारी नहीं दी है कि कौन सा विमान क्षतिग्रस्त हुआ है। साथ ही इस बात को भी कबूल किया है कि उन्होंने किसी भी भारतीय पायलट को हिरासत में नहीं लिया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाक सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा, पाकिस्तान के एक विमान को मामूली नुकसान पहुंचा है। हम इसके बारे में विस्तृत जानकारी साझा नहीं कर सकते। वहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या कोई भारतीय पायलट उनकी हिरासत में है, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की हिरासत में कोई भी भारतीय पायलट नहीं है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की सभी खबरें महज अफवाहें हैं, जो सोशल मीडिया पर फैल रही हैं।
पाक सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने दावा किया कि उनकी सैन्य कार्रवाई ‘सटीक, संतुलित और संयमित’ थी। साथ ही यब भी दावा किया है कि भारत द्वारा की गई कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान ने 26 भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला किया। जिसमें वायुसेना और एयरबेस शामिल थे।
पाकिस्तान सेना की मानें तो सूरतगढ़, सिरसा, बठिंडा, बरनाला, भुज, नलिया, अधमपुर, हलवारा, जम्मू, अवंतीपुरा, श्रीनगर, उधमपुर, मामून, अंबाला और पठानकोट स्थित भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला किया गया। इसके साथ ही ब्यास और नगरोटा स्थित ब्रह्मोस मिसाइल भंडारण केंद्रों को भी निशाना बनाया गया।
वहीं, भारतीय सेना ऑपरेशन सिंदूर के तहत लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के खालिद उर्फ अबू अकाशा, मुदस्सर खादयान, मोहम्मद रसम खान और हाफिज मोहम्मद जमील सहित 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराने में सफल रही है। हालांकि, इन आतंकियों के जनाजों में पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों की मौजूदगी ने एक बार फिर पाकिस्तान की भूमिका को उजागर कर दिया है।
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जानकारी के लिए बता दें कि पाकिस्तान के डीजीएमओ के आग्रह पर भारत ने 10 मई की शाम 5 बजे से युद्धविराम के लिए सहमति जताई। हालांकि, भारत ने ये बात साफ कर दी है कि किसी भी तरह के हमले को अब युद्ध की श्रेणी में ही माना जाएगा, साथ ही सिंधु जल संधि भी स्थगित रहेगी। आज 12 मई को दोनों देशों के बीच डीजीएमओ स्तर की बातचीत होने वाली है।