यूएन सभा में बोलते हुए सुधांशु त्रिवेदी
वाशिंगटन: पाकिस्तान अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र (UN) में उसने एक बार फिर से कश्मीर का राग अलापा है। संयुक्त राष्ट्र में शांति रक्षा अभियानों पर बहस के दौरान पाकिस्तान द्वारा जम्मू कश्मीर का जिक्र किया। इस पर भारत ने पड़ोसी देश पाकिस्तान को लताड़ लगाते हुए मुंहतोड़ जवाब दिया।
भारत ने पड़ोसी देश पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया और उसकी आलोचना की। राज्यसभा सदस्य और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान द्वारा की गईं टिप्पणियों पर जवाब देने के अपने अधिकार को चुना है, जिसने एक बार फिर इस प्रतिष्ठित निकाय को अपने एजेंडे से भटकाने का प्रयास किया है।
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सुधांशु त्रिवेदी ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की विशेष राजनीतिकऔर वि-उपनिवेशीकरण यानी चौथी समिति में शांति रक्षा अभियानों पर चर्चा के दौरान ये टिप्पणियां कीं। त्रिवेदी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर भारत का महत्वपूर्ण अंग था, है, और हमेशा रहेगा। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों ने हाल में अपने लोकतांत्रिक और चुनाव अधिकारों का इस्तेमाल किया। साथ ही एक नई सरकार चुनी।
पाकिस्तान झूठ बोलने से नहीं आ रहा बाज
पाकिस्तान को ऐसी बयानबाजी और झूठ से बाज आना चाहिए क्योंकि इससे तथ्य नहीं बदलेंगे।त्रिवेदी यही नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र के इस मंच के प्रतिष्ठित सदस्यों के सम्मान में भारत संयुक्त राष्ट्र की प्रक्रियाओं का दुरुपयोग करने के पाकिस्तान के किसी भी प्रयास का जवाब देने से परहेज करेगा।
UNMOGIP की उपयोगिता समाप्त
भारत की ओर से यह कड़ी प्रतिक्रिया तब दी है जब पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम पर नजर रखने वाले भारत और पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (UNMOGIP) के बारे में बात की। भारत का कहना है कि शिमला समझौते और उसके परिणामस्वरूप नियंत्रण रेखा की स्थापना के बाद UNMOGIP की उपयोगिता समाप्त हो गई है और यह अप्रासंगिक है।
यूएन में संबोधित करते हुए सुधांशु त्रिवेदी
My statement today at United Nations Head Office representing India on the issue of @UN Peace Keeping Operation pic.twitter.com/hFwyoTwH9a
— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) November 8, 2024
1948 में जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में शांति सैनिक थे तैनात
त्रिवेदी ने बाद में, सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि शांति रक्षा अभियानों पर संयुक्त राष्ट्र में चर्चा के दौरान पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा विषय पर बोला। विषय को भटकाने की कोशिश की और अनावश्यक रूप से उल्लेख किया। ताकि संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के साथ पाकिस्तान की भागीदारी तब शुरू हुई जब संयुक्त राष्ट्र ने 1948 में जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में शांति सैनिकों को तैनात किया था।
जम्मू कश्मीर भारत का हमेशा से अभिन्न अंग
त्रिवेदी ने कहा कि इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उन्होंने जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल किया और मंच पर दृढ़तापूर्वक कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है, और हमेशा रहेगा। भाजपा नेता ने कहा कि जम्मू कश्मीर में हाल में उचित तरीके से लोकतांत्रिक चुनाव हुआ।
त्रिवेदी भारत के 12 संसद प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं
इसलिए संयुक्त राष्ट्र के इस प्रतिष्ठित मंच का इस्तेमाल इन प्रकार के भ्रामक शब्दों का उल्लेख करने में नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार की ठोस विदेश नीतियों के कारण संभव हो सका है। त्रिवेदी भारत के 12 संसद सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं जो संयुक्त राष्ट्र में कई बैठकों के लिए इस विश्व निकाय की यात्रा कर रहा है।
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इससे पहले, शांति रक्षा अभियानों की व्यापक समीक्षा पर एक बयान देते हुए त्रिवेदी ने कहा कि हालिया संघर्ष अधिक चुनौतीपूर्ण हैं। अब इसमें आतंकवाद और सशस्त्र समूह भी शामिल हैं जो अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए स्थिति का फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा अभियानों में सबसे बड़े सैन्य दल के के रूप में शांतिरक्षा प्रयासों में योगदान देने के प्रयास में सबसे आगे है।