बांग्लादेश और पाकिस्तानी नौसेना के बीच रक्षा समझौता (सोर्स- सोशल मीडिया)
Pakistan Navy Chief Bangladesh Visit: भारत के पूर्वी पड़ोसी बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच हाल ही में बन रहा नया गठबंधन पूरे दक्षिण एशिया में अस्थिरता की आशंका बढ़ा रहा है। पाकिस्तान नौसेना प्रमुख एडमिरल नवीद अशरफ 8 नवंबर को ढाका की यात्रा पर जा रहे हैं, जिसे महज औपचारिक कूटनीतिक दौरा नहीं माना जा रहा है। इस दौरे के पीछे छिपी रणनीति जिहादी नेटवर्क को फिर से सक्रिय करने और भारत के खिलाफ मोर्चा खोलने की है।
कुछ सप्ताह पहले पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन जनरल साहिर शमशाद मिर्जा भी चार दिन के लिए ढाका गए थे। उन्होंने बांग्लादेश के अंतरिम मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस और शीर्ष सैन्य अधिकारियों सेना प्रमुख जनरल वकर-उज़-जमान, नौसेना प्रमुख एडमिरल मोहम्मद नजमुल हसन और एयर चीफ मार्शल हसन महमूद खान से विस्तृत वार्ता की थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह गठबंधन साझेदारी नहीं, बल्कि बांग्लादेश की संप्रभुता को कमजोर करने और भारत के पूर्वी सीमांत को अस्थिर करने की खतरनाक साजिश है। यह बैठक केवल औपचारिक मुलाकात नहीं थी मिर्जा के साथ ISI के एक मेजर जनरल समेत आठ वरिष्ठ अधिकारी थे जिन्होंने संयुक्त खुफिया-साझाकरण ढांचे पर चर्चा की।
बताया जा रहा है कि ढाका स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में एक नया ISI सेल स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है, जिसमें ब्रिगेडियर स्तर तक के अधिकारी तैनात होंगे। यह कदम पाकिस्तान को बांग्लादेश की सुरक्षा एजेंसियों एनएसआई और डीजीएफआई तक असामान्य पहुंच प्रदान कर सकता है।
इस बढ़ते सहयोग के बीच चिंताजनक खबर यह है कि पाकिस्तानी जिहादी संगठन बांग्लादेश में पैर जमा रहे हैं। लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के सदस्य, जो मुंबई हमलों के दोषियों में शामिल हाफिज सईद के करीबी बताए जाते हैं, अब बांग्लादेश होते हुए पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा जैसे सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। ये घटनाएँ संकेत देती हैं कि पाकिस्तान अपनी पुरानी रणनीतिक गहराई नीति के तहत आतंकवाद को फिर से विस्तार देने की कोशिश में है।
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बांग्लादेश की मौजूदा अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने 1971 के इतिहास की पीड़ा को भुलाकर पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं। यूनुस सरकार और पाकिस्तानी नेतृत्व के बीच लगातार बढ़ती मुलाकातें इस बात का संकेत हैं कि दोनों देश भारत को रणनीतिक रूप से घेरने की योजना पर काम कर रहे हैं। अगर यह सिलसिला यूं ही जारी रहा तो इसे भारत के लिए खतरा बढ़ा सकता है।