आकाश एनजी मिसाइल। इमेज-सोशल मीडिया
Akash NG Missile Trial: भारत ने मंगलवार को आकाश नेक्स्ट जेनरेशन (Akash NG) मिसाइल सिस्टम का सफल यूजर इवैल्यूएशन ट्रायल किया है। इसमें सभी शुरुआती सर्विस क्वालिटी की जरूरतों (PSQR) को पूरा कर लिया गया। यह देश की स्वदेशी एयर डिफेंस क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है। मिसाइलों ने हवाई लक्ष्यों को सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट किया।
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) के मुताबिक ट्रायल के दौरान मिसाइलों ने अलग-अलग रेंज और ऊंचाई पर हवाई लक्ष्यों को सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट किया। इसमें सीमा के पास कम ऊंचाई और लंबी दूरी, अधिक ऊंचाई वाले हालात शामिल हैं। स्वदेशी आरएफ सीकर से लैस और सॉलिड रॉकेट मोटर से चलने वाला आकाश NG अलग-अलग तरह के हवाई खतरों से हवाई सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ताकतवर सिस्टम है।
अधिकारियों का कहना है कि आकाश एनजी मिसाइल सिस्टम अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम है। इसे डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने डेवलप किया है। इसे भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने बनाया है। यह सिस्टम एक साथ कई टारगेट को निशाना बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी रेंज 30 किलोमीटर तक और ऊंचाई 18 किलोमीटर है। सफल ट्रायल के साथ आकाश एनजी सिस्टम को भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना में शामिल करने की प्रक्रिया और करीब आ गई है। इससे भारत की एयर डिफेंस क्षमताएं और अधिक मजबूत होंगी।
इसका सफर ट्रायल काफी अहम है। खासकर चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों से उत्पन्न होने वाले खतरों के मद्देनजर महत्वपूर्ण है। आकाश एनजी अब सेना में शामिल होने के करीब और वैश्विक स्तर पर कई देशों का ध्यान आकर्षित कर रही है। डीआरडीओ ने फिर स्वदेशी रक्षा क्षमताओं में नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
User evaluation trials of Akash NG missile successfully completed today meeting all PSQR requirements. During the trials, the missiles successfully intercepted aerial targets at different range & altitude including the near-boundary-low-altitude and Long Range, high altitude… pic.twitter.com/uLOPprCF6O — DRDO (@DRDO_India) December 23, 2025
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इसी महीने की शुरुआत में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने चंडीगढ़ में टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लेबोरेटरी (TBRL) की रेल ट्रैक रॉकेट स्लेड (RTRS) फैसिलिटी में 800 किलोमीटर प्रति घंटे की सटीक कंट्रोल वाली स्पीड पर एक फाइटर एयरक्राफ्ट एस्केप सिस्टम का हाई स्पीड रॉकेट स्लेड टेस्ट सफलतापूर्वक किया। इस टेस्ट में कुछ खास सेफ्टी पैरामीटर को वेरिफाई किया गया था, जिसमें एयरक्रू की पूरी रिकवरी शामिल हैं।