विदेश मंत्री एस जयशंकर (फोटो- सोशल मीडिया)
वाशिंगटन: विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने खुलासा किया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब पाकिस्तान भारत पर हमले की योजना बना रहा था, तब अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करके इसकी जानकारी दी थी। जयशंकर पांच दिवसीय दौरे पर अमेरिका गए हैं। उन्होंने यह बयान अमेरिका में मीडिया इंटरव्यू में दिया।
विदेश मंत्री ने बताया कि 9 मई, 2025 की रात जब पाकिस्तान ने भारत पर बड़े हमले की चेतावनी दी थी, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी दबाव या भय के सख्त फैसला लिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने उस समय प्रधानमंत्री से बात कर बताया कि पाकिस्तान बड़ा हमला करने वाला है, लेकिन हमने उनकी कुछ शर्तें स्वीकार करने से इनकार कर दिया और प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान की धमकी को पूरी तरह नजरअंदाज किया।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जानकारी दी कि बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई से पीछे नहीं हटेगा। इसके विपरीत, उन्होंने साफ संकेत दिया कि भारत की ओर से हर हमले का कड़ा और निर्णायक जवाब दिया जाएगा। जयशंकर ने बताया कि 9 मई की रात पाकिस्तान ने भारत पर एक बड़ा हमला किया था, जिसका भारतीय सेना ने प्रभावी और कड़ा प्रतिकार किया।
EAM Jaishankar rightly called out the Pahalgam attack for what it is, an assault on Kashmir’s economy. It was aimed to target livelihoods, peace & progress in Kashmir.
But people of Kashmir have moved beyond fear & strongly rejecting Pak sponsored terror.https://t.co/ebKDP4YRRp
— Zubair Akhtar (@ZubairA__) July 1, 2025
इसके साथ ही, उन्होंने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को ‘आर्थिक हमला’ करार दिया। उनका कहना था कि इस हमले का उद्देश्य कश्मीर में पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचाना था। पाकिस्तान की लगातार नापाक हरकतों पर टिप्पणी करते हुए जयशंकर ने कहा कि भले ही पाकिस्तान भारत को परमाणु हमले की धमकी दे, वह अपनी आतंकी गतिविधियों को रोकने वाला नहीं है।
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जयशंकर ने बात में सीजफायर को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि 10 मई की सुबह अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने फोन करके जानकारी दी कि पाकिस्तान बात के लिए युद्धविराम करते हुए बातचीत के मंच पर आने को तैयार है। इसके बाद उसी दिन दोपहर में पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने सीधे भारत के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को फोन कर सीजफायर की अपील की। इसके बाद ही भारत सीजफायर के लिए तैयार हुआ। भारत ने यह फैसला बिना किसी दबाव के अपनी मर्जी से लिया था।