दी-जिनपिंग-पुतिन एक साथ, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
China SCO Summit: चीन में चल रहा शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट आज अपने दूसरे दिन पर है। आज समिट में सदस्य देशों के शीर्ष नेताओं की अहम बैठक हो रही है, जिसके बाद वे संयुक्त रूप से संबोधन देंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात भी हुई।
तीनों नेता साथ आए और फिलहाल आपसी बैठक कर रहे हैं। इसी बीच, अमेरिका ने भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है, जिसके चलते मोदी-पुतिन वार्ता पर वॉशिंगटन की खास नजर बनी हुई है।
फिलहाल एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय बैठक को संबोधित कर रहे हैं। इस समिट में पीएम मोदी की मुलाकात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई। तीनों नेता साथ आए और उसके बाद आपसी बैठक भी हुई। पीएम मोदी ने इस मुलाकात की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा कीं। उन्होंने लिखा कि तियानजिन में बातचीत जारी है और शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति पुतिन व राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उपयोगी विचार-विमर्श हुआ।
Interactions in Tianjin continue! Exchanging perspectives with President Putin and President Xi during the SCO Summit. pic.twitter.com/K1eKVoHCvv
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2025
सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता तय है। इस मुलाकात में कई अहम मुद्दों पर बातचीत होने की संभावना है। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान अमेरिका ने रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन उस वक्त भारत ने रूस का साथ देते हुए लगातार तेल आयात जारी रखा।
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अब ट्रंप के टैरिफ वॉर के बाद मोदी और पुतिन की यह पहली मुलाकात होने जा रही है, जिससे ट्रंप की बेचैनी बढ़ना लाजमी है। वहीं, SCO के मंच पर यह देखना दिलचस्प होगा कि रूस और चीन किस तरह मिलकर ट्रंप की धमकियों का जवाब देते हैं।
Always a delight to meet President Putin! pic.twitter.com/XtDSyWEmtw
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2025
ट्रंप की टैरिफ नीति और तेल को लेकर छिड़ी कूटनीतिक जंग के तीन साल बाद पहली बार तीनों देश एक मंच पर दिखाई दे रही हैं। रूस, जिस पर अमेरिका ने ऑयल एक्सपोर्ट बैन लगाकर आर्थिक दबाव बनाने की कोशिश की थी, अब उसी मंच पर मौजूद है। दूसरी ओर चीन और भारत हैं, जो युद्ध के बाद से रूस से सबसे अधिक तेल खरीदने वाले देश बन गए हैं। ऐसे में जब पुतिन, पीएम मोदी और जिनपिंग SCO के मंच से अपने विचार साझा करेंगे, तो साफ है कि डोनाल्ड ट्रंप भी उस पर गहरी नजर रखे हुए होंगे।