मॉरीशस में पीएम मोदी का स्वागत, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
पोर्ट लुइस: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर मॉरीशस पहुंच चुके हैं। इस यात्रा के दौरान भारत और मॉरीशस के संबंधों में एक नया अध्याय जुड़ने की उम्मीद है। पीएम मोदी दोनों देशों के बीच दोस्ती को और मजबूत करेंगे और सहयोग के नए आयाम स्थापित करेंगे। पीएम मोदी के मॉरीशस दौरे की भव्य स्वागत की तैयारी पहले से ही शुरू हो गई थी।
जब वे मॉरीशस एयरपोर्ट पहुंचे, तो उनका स्वागत करने के लिए वहां की पूरी कैबिनेट, यानी सभी 34 मंत्री मौजूद थे। एयरपोर्ट पर भारी संख्या में लोग जुटे थे, जो “मोदी-मोदी” के नारे लगा रहे थे। इस तरह, पीएम मोदी का मॉरीशस में गर्मजोशी और सम्मान के साथ अभूतपूर्व स्वागत किया गया।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के आमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को इस द्वीप राष्ट्र की यात्रा कर रहे हैं। मोदी वहां 12 मार्च को होने वाले मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस अवसर पर भारतीय सशस्त्र बलों की एक टुकड़ी, भारतीय नौसेना का एक युद्धपोत और भारतीय वायु सेना की ‘आकाश गंगा’ स्काईडाइविंग टीम भी भाग लेगी। यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह दौरा भारत और मॉरीशस के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा और एक नए, उज्ज्वल अध्याय की शुरुआत करेगा।
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भारत और मॉरीशस के बीच मजबूत व्यापारिक संबंध हैं, और सिंगापुर के बाद मॉरीशस 2023-24 में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2015 के बाद पहली बार मॉरीशस की यात्रा कर रहे हैं, जिससे दोनों देशों के बीच सहयोग को नई गति मिलने की उम्मीद है। इस यात्रा के दौरान व्यापारिक संबंधों को और गहरा करने के लिए कई नई परियोजनाओं की शुरुआत की जा सकती है। भारत, मॉरीशस में बुनियादी ढांचे, डिजिटल तकनीक और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में निवेश कर रहा है, जिससे दोनों देशों के बीच साझेदारी और सुदृढ़ होगी।
भारत और मॉरीशस के बीच व्यापार और सुरक्षा सहयोग को लेकर कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। इनमें व्यापारिक सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा और सीमा पार वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए आपसी सहयोग पर समझौते शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा, भारत मॉरीशस को विभिन्न परियोजनाओं की सौगात दे सकता है और वहां अपने निवेश को बढ़ाने से जुड़ी घोषणाएं कर सकता है। साथ ही, दोनों देशों के बीच एक लाइन ऑफ क्रेडिट समझौता ज्ञापन (MoU) पर भी हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।