
लॉस एंजिल्स में फैली भीषण आग पर काबू पा लिया गया, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिका के लॉस एंजिल्स में फैली दो भीषण जंगल की आग पर शुक्रवार यानी 31 जनवरी को दमकल कर्मियों ने पूरी तरह नियंत्रण पा लिया। यह आग तीन सप्ताह से अधिक समय तक जलती रही, जिसमें करीब 30 लोगों की जान चली गई और हजारों लोग बेघर हो गए।
इस विनाशकारी आग के कारण 10,000 से अधिक घर जलकर राख हो गए और 37,000 एकड़ (लगभग 150 वर्ग किलोमीटर) से अधिक क्षेत्र आग की चपेट में आ गया। इस भयावह घटना से भारी नुकसान हुआ, जिससे स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
कैलिफोर्निया की अग्निशमन एजेंसी, कैल फायर ने शुक्रवार को अपनी वेबसाइट पर आंकड़ों को अपडेट करते हुए जानकारी दी कि दोनों आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है। कई दिनों से आग के कारण कोई गंभीर खतरा न होने के चलते, निकासी आदेश पहले ही रद्द कर दिए गए थे। ये आग 7 जनवरी को भड़की थीं, और इनके सही कारणों की जांच अब भी जारी है।
कई शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन से यह निष्कर्ष निकला कि जीवाश्म ईंधन के जलने से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ी, जिससे आग लगने की संभावना लगभग 35 प्रतिशत अधिक हो गई। इस आग के कारण हजारों लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। यह आग तीन से अधिक सप्ताह तक जलती रही।
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लॉस एंजिल्स की मेयर कैरेन बास ने शुक्रवार को कहा कि पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उनका लक्ष्य है कि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द उनके घर लौटने में सहायता मिले। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि निवासियों को अपनी संपत्तियों तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो और पैलिसेड्स का क्षेत्र पूरी तरह सुरक्षित बना रहे।
शहर के पुलिस प्रमुख जिम मैकडोनेल ने बताया कि क्षेत्र में कानून प्रवर्तन अधिकारियों की संख्या आग लगने से पहले की तुलना में 10 गुना से भी अधिक बढ़ा दी जाएगी। वहीं, निजी मौसम विज्ञान संस्था एक्यूवेदर का अनुमान है कि इस आपदा से होने वाली क्षति और आर्थिक नुकसान 250 से 275 बिलियन डॉलर के बीच हो सकता है।






