मलेशिया में शुरू हुआ 47वां आसियान शिखर सम्मेलन, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
ASEAN Summit 2025: मलेशिया में रविवार से दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (ASEAN) का 47वां शिखर सम्मेलन शुरू हो गया है। इस साल सम्मेलन का मुख्य विषय है ‘समावेशन और स्थिरता’। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार मलेशिया जाकर सम्मिलित नहीं होंगे, बल्कि वे रविवार को वर्चुअल माध्यम से इसमें हिस्सा लेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर साझा किया कि उन्होंने मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से बात की और उन्हें ASEAN की अध्यक्षता संभालने पर बधाई दी। उन्होंने सम्मेलन की सफलता की कामना की और भारत-ASEAN की व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के अपने संकल्प को दोहराया।
मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम 26 से 28 अक्टूबर तक चलने वाले इस तीन दिवसीय सम्मेलन में ASEAN देशों के प्रमुखों के साथ-साथ अमेरिका, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और अन्य देशों के प्रतिनिधियों की मेजबानी कर रहे हैं। इस सम्मेलन में दस सदस्य देशों के अलावा 30 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष शामिल हो रहे हैं। यह सम्मेलन विदेशी नेताओं की उपस्थिति में और भी महत्वपूर्ण बन गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इसमें शामिल होंगे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मलेशिया की राजधानी में 10,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। ट्रंप सम्मेलन के दौरान आसियान नेताओं के साथ डिनर करेंगे और कंबोडिया और थाईलैंड के बीच हाल ही में हुए शांति समझौते के साक्षी बनेंगे। यह समझौता अनवर की मध्यस्थता के बाद सम्पन्न हुआ था।
सम्मेलन में कई प्रमुख वैश्विक नेता भी शामिल हैं, जिनमें दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग, चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग और जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री साने ताकाइची शामिल हैं। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज, कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन भी इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
इस वर्ष के ASEAN सम्मेलन में ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोल्किया, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो, सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग, कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट, वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह, फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर, लाओस के प्रधानमंत्री सोनेक्से सिफांडोन, थाईलैंड के प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नविराकुल और तिमोर-लेस्ते के राष्ट्रपति जोस रामोस-होर्ता शामिल होने की उम्मीद है। इस बार तिमोर-लेस्ते ASEAN का 11वां सदस्य बन रहा है।
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) सहित अन्य वैश्विक संगठनों के प्रतिनिधि भी इसमें भाग लेंगे। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल होंगे, जबकि यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा भी उपस्थित रहेंगे।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और म्यांमार के कार्यवाहक राष्ट्रपति सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। रूस का प्रतिनिधित्व उप प्रधानमंत्री एलेक्जेंडर नोवाक करेंगे। वहीं, म्यांमार की सैन्य सरकार को 2021 के तख्तापलट के बाद से ASEAN ने आमंत्रण नहीं दिया है। सम्मेलन में मुख्य बैठकों के अलावा अमेरिका, चीन और जापान के साथ विशेष बैठकें भी आयोजित की जाएंगी।
आसियान का गठन 8 अगस्त 1967 को बैंकॉक में हुआ था। इसके सदस्य देश हैं ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम। मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर का मानना है कि इस सम्मेलन से सकारात्मक नतीजे सामने आएंगे। व्यापार से जुड़ी चर्चाओं में मुख्य रूप से अमेरिका के टैरिफ और दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति पर ध्यान केंद्रित होगा। अमेरिका के टैरिफ के जवाब में चीन ने दुर्लभ पृथ्वी खनिजों के निर्यात पर सख्त प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिसका असर वैश्विक स्तर पर महसूस किया जा रहा है। इसके अलावा, सम्मेलन में म्यांमार में रोहिंग्या समुदाय की स्थिति, दक्षिण चीन सागर में बढ़ते तनाव और गाज़ा में हालात पर भी विचार-विमर्श होगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)