लश्कर की सीक्रेट मीटिंग (सोर्स- सोशल मीडिया)
Lashkar Women Wing Election: पाकिस्तान और आतंकवाद का चोली दामन का साथ है। इसी लाख कोशिश करने के बाद भी पाकिस्तानी को नाम आतंकवाद के साथ जुड़ ही जाता है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान के आतंकी ढांचे को अंदर तक चोट दी थी। लेकिन अब लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन फिर से मजबूत हो रहे हैं।
इस बार उनकी रणनीति में नया आयाम जुड़ गया है, महिलाओं को आतंकी के रूप में भर्ती करना। ये संगठन अपनी महिला विंग बना रहे हैं, जहां लड़कियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। हालिया खबर सियालकोट के तलवाड़ा मुगलान से है, जहां लश्कर-ए-तैयबा की महिला विंग ने इंट्रा-पार्टी चुनाव कराए। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर में घातक हवाई हमलों के बाद से जैश और लश्कर दोनों महिलाओं पर फोकस बढ़ा रहे हैं, ताकि आधी आबादी को जोड़कर समुदाय में गहरी पैठ बनाएं और जमीनी स्तर पर कट्टरपंथ फैलाएं। लश्कर सरगना हाफिज सईद, 26/11 मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड, महिलाओं को अपने नापाक मंसूबों के लिए इस्तेमाल करना चाहता है।
🚨🇵🇰 The NEXT-GEN Lashkar-e-Taiba women’s wing gathered in Talwara Mughlan, Sialkot for intra party election. LeT focus on girls and women signals deeper community penetration and grassroots level radicalization. Pls ignore the ugly and nasty BGM pic.twitter.com/knKKF83AEN — OsintTV 📺 (@OsintTV) December 12, 2025
उसके धार्मिक नेटवर्क ने पाकिस्तान में महिलाओं के लिए ‘अल्फियातुल जिहाद फी सबीलिल्लाह’ नामक ऑनलाइन कोर्स शुरू किया है। इसमें महिला ब्रिगेड का ब्रेनवॉश हो रहा है। कोर्स हाफिज सईद के मार्गदर्शन में चलाया जाता है, और उनकी बहनें महिलाओं को जिहाद का पाठ पढ़ाती हैं।
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, यह महिला कैडर तैयार करने की रणनीति है। ऑपरेशन सिंदूर में मुरीदके के लश्कर हेडक्वार्टर नष्ट होने के बाद, ISI और पाक आर्मी की सरपरस्ती में ये सेंटर अलग-अलग शहरों में खोले जा रहे हैं। पाकिस्तान का यह नया खतरा भारत के लिए गंभीर चुनौती है।
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एजेंसियों ने बताया कि, ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना के हमले ने पाकिस्तानी आतंकी संगठनों को गहरा झटका दिया था। खासकर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा को भारी नुकसान हुआ, जहां उनके कई ठिकाने पूरी तरह तबाह हो गए। लेकिन अब पाकिस्तानी सरकार और सेना की मदद से ये संगठन फिर से अपनी ताकत बहाल करने में जुट गए हैं।