जापान को चीन ने दी कड़ी चेतावनी, फोटो (सो. एआई डिजाइन)
China-Japan News In Hindi: चीन ने जापान को परमाणु सुरक्षा के मुद्दे पर सतर्क करते हुए कहा है कि हाल ही में फुकुई प्रांत के फुगेन परमाणु रिएक्टर की साइट से रेडियोधर्मी पदार्थों के रिसाव से गंभीर सबक लेने की जरूरत है। बीजिंग ने स्पष्ट किया कि ऐसी घटनाएं न केवल जापान की घरेलू सुरक्षा से जुड़ी हैं बल्कि पूरे क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय बन सकती हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय ने एक रिपोर्ट के हवाले से बताया कि जापान में हुई इस लीक घटना के चलते यह आशंका है कि कई लोग रेडिएशन के संपर्क में आ सकते हैं। मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पिछले कुछ समय से जापान में परमाणु सुविधाओं की सुरक्षा से जुड़े मामलों ने बार-बार सवाल खड़े किए हैं।
उन्होंने फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र में रेडिएशन डिटेक्टरों के लिए गुणवत्ता निरीक्षण डेटा में कथित धोखाधड़ी और आओमोरी प्रांत के रोक्काशो गांव में रीप्रोसेसिंग प्लांट के इस्तेमाल किए गए ईंधन पूल कूलिंग पानी के ओवरफ्लो की घटनाओं का भी जिक्र किया। चीन के अनुसार, ये घटनाएं जापान की परमाणु सुरक्षा व्यवस्था में मौजूद कमजोरियों की ओर इशारा करती हैं।
23 दिसंबर को फुकुई प्रांत के त्सुरुगा शहर स्थित फुगेन परमाणु रिएक्टर में रेडियोधर्मी पदार्थों वाले पानी के रिसाव को लेकर पूछे गए सवाल पर लिन जियान ने कहा कि यह संयंत्र फिलहाल डीकमीशनिंग की प्रक्रिया में है। चीन के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, जापान के परमाणु नियामक प्राधिकरण ने भी स्वीकार किया है कि लीक हुए पानी में रेडियोधर्मी पदार्थों की सांद्रता काफी अधिक थी और इससे लोगों के रेडिएशन के संपर्क में आने की आशंका है।
लिन जियान ने यह भी कहा कि पुरानी परमाणु सुविधाएं, अव्यवस्थित प्रबंधन और अपर्याप्त विनियमन जैसी समस्याओं के बावजूद जापान ने काशिवाजाकी-कारिवा परमाणु ऊर्जा संयंत्र को फिर से शुरू करने का फैसला किया है। उन्होंने याद दिलाया कि इसी संयंत्र में पहले इस्तेमाल किए गए ईंधन पूल कूलिंग पानी के ओवरफ्लो की घटना हो चुकी है जिसके बाद जापान में व्यापक जनाक्रोश और विरोध प्रदर्शन हुए थे।
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चीन ने जापान से फुकुशिमा परमाणु दुर्घटना से पूरी तरह सबक लेने अपनी परमाणु सुरक्षा जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाने और किसी भी घटना की जानकारी तुरंत सार्वजनिक करने की मांग की है। साथ ही बीजिंग ने परमाणु संयंत्रों की डीकमीशनिंग और रेडियोधर्मी कचरे के सुरक्षित निपटान को सुनिश्चित करने पर जोर दिया है। चीन ने यह भी कहा कि जापान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को कम करने के लिए स्वेच्छा से अंतरराष्ट्रीय निगरानी स्वीकार करनी चाहिए।