इजराइल में विरोध प्रदर्शन (फोटो- सोशल मीडिया)
Protest Against Netanyahu: इजराइल ने सोमवार गाजा में एक बड़े हवाई हमला किया। हमले में तीन पत्रकारों समेत 16 फलस्तीनियों की मौत हो गई। इनमें महिलाएं और बच्चे भी थे। लेकिन यह कदम अब इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को भारी पड़ता नजर आ रहा है। मंगलवार इजराइल में बड़ी संख्या में लोगों ने सड़कों पर उतर कर अपनी ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और जल्द से जल्द युद्ध समाप्त करने और बंदियों को छुड़वाने की मांग की।
इजराइल की ओर से किए गए हमलों की दुनियाभर में आलोचना हो रही है। इसके अलावा कई अंतरराष्टीय संगठनों ने गाजा में फंसे लोगों को लेकर चिंता जताई है। वहीं, इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इसे “दुर्भाग्यपूर्ण हादसा” बताया और जांच कराने का वादा किया। इजराइली हमले में मशहूर पत्रकार मरियम डग्गा की भी मौत हो गई है।
गाजा के अस्पतालों ने बताया कि मंगलवार को हुए हमलों में 16 लोगों की जान गई। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, जून से अब तक भुखमरी और कुपोषण से 186 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 117 बच्चे थे। पूरे युद्ध में अब तक 62,819 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें करीब आधे महिलाएं और बच्चे हैं।
युद्ध की शुरुआत 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा 251 लोगों को बंधक बनाने से हुई थी। इनमें से ज्यादातर को बाद में रिहा कर दिया गया, लेकिन अब भी लगभग 50 लोग गाजा में फंसे हुए हैं। इजराइल का कहना है कि उनमें से सिर्फ 20 ही जिंदा हैं।
प्रदर्शनकारी और बंधकों के परिवारों का कहना है कि अगर सरकार बातचीत करे, तो बंधकों की रिहाई संभव है। वे मानते हैं कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू अपने पद को बचाने के लिए युद्ध को लंबा खींच रहे हैं।
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इजराइल में लोग सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि वह युद्धविराम के लिए कदम उठाए, लेकिन प्रधानमंत्री की सरकार में शामिल दक्षिणपंथी दल इसका विरोध कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि अगर युद्धविराम हुआ तो वे सरकार से अलग हो जाएंगे। इस वक्त इजराइल राजनीतिक संकट और युद्ध। दोनों से जूझ रहा है। वहीं, गाजा की जनता को विस्थापन, भूख और हमलों का सामना करना पड़ रहा है।